ऑफथेल्मिक आर्टरी कीमोइंफ्यूजन प्रोसीजर
नागवेकर की टीम ने यह प्रोसीजर किया
राजस्थान अस्पताल में ऑफथेल्मिक आर्टरी कीमोइंफ्यूजन या ओएसी प्रोसीजर से चार वर्षीय एक बालक के आंखों के परदे के कैंसर रेटिनोब्लास्टोमा का इलाज किया गया।
जयपुर। राजस्थान अस्पताल में ऑफथेल्मिक आर्टरी कीमोइंफ्यूजन या ओएसी प्रोसीजर से चार वर्षीय एक बालक के आंखों के परदे के कैंसर रेटिनोब्लास्टोमा का इलाज किया गया। इसके लिए मरीज को जनरल एनेस्थेसीया दिया गया था। उसे केवल एक दिन के एडमिशन के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई। इस बच्चे में कैंसर का पताए तीन महीने पहले ही चला था। राजस्थान अस्पताल के इंटेरवेनशनल रेडियॉलॉजी विशेषज्ञ डॉ मनीष राजपूत और डॉ रघुनाथ नागवेकर की टीम ने यह प्रोसीजर किया। इसके साथ ही राजस्थान अस्पताल देश के उन चुनिंदा केंद्रों के नक्शे में जुड़ गया है, जहां यह इलाज उपलब्ध है। गौरतलब है कि रेटिनोब्लास्टोमा का यह इलाज बिना चीरफाड़ से होता है। इस तकनीक का प्रणेता यद्यपि जापान है, लेकिन इसको और विकसित करने में अमेरिका का बड़ा योगदान है। मरीज के डिस्चार्ज के समय इस सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए सीईओ डॉ सर्वेश अग्रवाल के नेतृत्व में अस्पताल की नर्सिंग ऐड्मिन टेक्निशन स्टाफ ने बालक का उत्साहवर्धन किया। डॉ मनीष राजपूत ने बताया कि सामान्यत: इस इलाज का खर्च तीन से चार लाख रुपये होता है, लेकिन सम्यक संकल्प फाउंडेशन व राजस्थान अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान में इस बालक का इलाज निशुल्क किया गया।
डॉ. रघुनाथ नागवेकर ने बताया कि परफेक्ट मात्रा में कीमो की दवाइयां योग्य स्थान पर पहुंचें ये एक अनुभवी टीम ही कर पाती है, क्योंकि यह आवश्यक है कि दवाई दिमाग, कपाल अथवा नाक आदि हिस्सों मे नहीं जाए। केरोटिड आर्टरी के जरिए ऑफथेल्मिक आर्टरी तक पहुंचा गया और वहां सुनिश्चित स्थान पर दवाइयां पूर्व निर्धारित मात्रा में इंफ्यूज की गई। विशेषज्ञों ने बताया कि अब इस बच्चे का रेग्युलर फॉलोअप जरूरी है। इस तरह के बच्चों में आंखों की विशेष देखभाल करनी होती है, जिससे कि कोई जटिल स्थिति विकसित हो इससे पहले ही उसे नियंत्रित किया जा सके।
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