अधिवक्ता के साथ लिपिक पर मारपीट का लगाया आरोप
अधिवक्ताओं ने शुरू की कलम बंद हड़ताल
मंदिर में न्याय दिलाने वाले अधिवक्ता के साथ न्याय के मंदिर के लिपिक द्वारा अभद्र व्यवहार और मारपीट करने का अधिवक्ताओं ने आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन कर लिपिक के निलंबन की मांग की है।
कामां। कामां न्यायालय में बुधवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला। जहां आमजन को न्याय दिलाने वाले अधिवक्ता न्यायालय में विरोध प्रदर्शन कर न्याय की मांग कर रहे हैं। क्योंकि उसी न्याय के मंदिर में न्याय दिलाने वाले अधिवक्ता के साथ न्याय के मंदिर के लिपिक द्वारा अभद्र व्यवहार और मारपीट करने का अधिवक्ताओं ने आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन कर लिपिक के निलंबन की मांग की है। न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद रोहिल्ला ने बताया कि बार एसोसिएशन के अधिवक्ता प्रदीप कटारा अपनी नकल लेने के लिए न्यायालय के लिपिक राकेश रावत के पास गया।जहां न्यायालय के लिपिक द्वारा अधिवक्ता से पैसे की मांग की और अधिवक्ता द्वारा पैसे नहीं दिए गए।
जिस कारण काफी समय से अधिवक्ता को नकल उपलब्ध नहीं कराई गई और अधिवक्ता के साथ नकल मारने पर अभद्र व्यवहार किया। जब उसने इसका विरोध किया तो अधिवक्ता के साथ अन्य अधिवक्ताओं की मौजूदगी में लिपिक राकेश रावत द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया है। जिसे लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रियाजुद्दीन उर्फ राजू के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने कलम बंद हड़ताल शुरू कर कार्य बहिष्कार कर न्यायालय में विरोध प्रदर्शन कर लिपिक के निलंबन की मांग की गई है। अधिवक्ता मोंटू ने बताया कि अब तक लिपिक की हरकतें बर्दाश्त की गई थी, लेकिन अब उनकी हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए चाय अधिवक्ताओं को सड़क पर ही क्यों ना उतरना पड़े।
न्यायालय में आमजन न्याय के लिए जाता है और आमजन के लिए अधिवक्ताओं द्वारा न्याय दिलाने के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन उसी न्यायालय के कर्मचारियों पर अधिवक्ताओं द्वारा रिश्वत मांगने के आरोप भी लगाए हैं।
ऐसे में संगीन आरोप न्याय के मंदिर में लगने के बाद न्याय प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करते हैं। अधिवक्ताओं के आरोप में कितनी सच्चाई है इसका तो जांच में ही खुलासा होगा। अधिवक्ताओं में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत करने तक की बात कही है अगर न्यायालय में इस तरह का भ्रष्टाचार होता है तो आमजन का न्याय प्रणाली से कहीं ना कहीं विश्वास उठना लाजमी है। जिसे लेकर बार एसोसिएशन के अधिवक्ता सामूहिक रूप से आंदोलन कर न्याय की मांग कर रहे हैं।
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