राजस्थान के सबसे कम उम्र के बच्चे को वी-एक्मो तकनीक से दिया नया जीवन
बच्चे को सर्दी, खांसी और जुखाम की शिकायत होने पर अस्पताल में दिखाया था,
शहर के निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने मानसरोवर निवासी 5 वर्षीय बच्चे को एक्मों कर के नया जीवन दिया है।
जयपुर। शहर के निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने मानसरोवर निवासी 5 वर्षीय बच्चे को एक्मों कर के नया जीवन दिया है। डॉ. रवि शर्मा पिडियेट्रिक इन्टेन्सिविस्ट दुर्लभ हॉस्पिटल ने बताया की मानसरोवर निवासी 5 वर्षीय बच्चे को सर्दी, खांसी और जुखाम की शिकायत होने पर अस्पताल में दिखाया था, जहां उसे कमजोरी व भूख नहीं लगने की शिकायत हुई, लेकिन उसको इन सभी के बाद भी सांस लेने में समस्या आ रही थी। इसके बाद उसे दुर्लभ हॉस्पिटल में रैफर कर दिया गया। डॉ. राजीव बंसल ने बताया की बच्चे के वाईटल्स भी बदले हुये थे और दिल का ईएफ जी 20 प्रतिशत ही रह गया था, जो की एक सामान्य आदमी का 60 प्रतिशत व उससे अधिक होता है। 20 प्रतिशत ईएफ रहने पर खतरनाक हो सकता है।
रवि ने बताया की इन सभी के कारण उसके शरीर के अन्य अंग भी कम काम करने लगे। उसके गुर्दा व हार्ट का काम करना भी कम हो गया। उसे कार्डियक अरेस्ट आया। इसके कारण उसे तीन बार इलेक्ट्रिक शॉक लगाये गये। परिजनों की सहमती से डॉ. नीरज शर्मा और विभागाध्यक्ष कार्डियक सर्जरी दुर्लभजी हॉस्प्टिल की टीम ने वीए एक्मो किया गया। इसमें बच्चे के हार्ट को एक मशीन के द्वारा चलाया गया। इससे हार्ट को आराम मिला और 6 दिन तक बच्चे को एक्मो पर ही रखा गया। इसके बाद एक्मों हटाकर उसे कुछ दिन वेंटिलेटर पर रखा। कुल 21 दिन हॉस्पिटल में रखने के बाद बच्चे को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई। डॉ. रवि ने बताया की अब बच्चा स्वस्थ है।
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