सरकार पर संकट में साथ नहीं छोड़ा, उनसे क्यों उम्मीद कर रही भाजपा-गहलोत
विशेष विमान से विधायकों को साथ लेकर उदयपुर पहुंचे मुख्यमंत्री
उदयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जब सरकार संकट में थी और उस वक्त सरकार बचाने में जो अगुवा थे, उनसे भाजपा को उम्मीद नहीं करनी चाहिए थी, न ही उसके समर्थित उम्मीदवार को। जब संकट में साथ दिया हो तो उसके मुकाबले में राज्यसभा चुनाव तो कुछ भी नहीं होता है।
उदयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जब सरकार संकट में थी और उस वक्त सरकार बचाने में जो अगुवा थे, उनसे भाजपा को उम्मीद नहीं करनी चाहिए थी, न ही उसके समर्थित उम्मीदवार को। जब संकट में साथ दिया हो तो उसके मुकाबले में राज्यसभा चुनाव तो कुछ भी नहीं होता है।
वे रविवार को यहां डबोक एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस विधायकों की उदयपुर में बाड़ेबंदी के चलते मुख्यमंत्री गहलोत रविवार दोपहर यहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार संकट में हो, सरकार रहेगी कि नहीं रहेगी, उस वक्त में जिसने साथ दिया, उनसे वे उम्मीद ही क्यों कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर विधायक की कुछ समस्याएं रहती हैं, कुछ हल होती हैं, कुछ नहीं भी होती हैं। बसपा से चुने गए विधायक प्रदेश में मजबूत और स्थायी सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से जुड़े और उसमें मर्ज होने का निर्णय किया। जिनकी सोच इतनी बड़ी हो और उस वक्त हम लोगों ने बातचीत की हो। वे उनके क्षेत्र में विकास की उम्मीद भी रखते हैं और उसमें कोई कमी रही हो तो छोटी-मोटी नाराजगी थी। आज ये सभी उनके साथ आए हैं, किसी को भी शिकायत नहीं है। गहलोत ने पूरे विश्वास के साथ दावा किया कि तीनों सीटें कांगे्रस जीतेगी। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उनका हॉर्स ट्रेडिंग का जो षड्यंत्र है, उसे पहले भी विफल किया है और अब आगे 10 जून को भी उनकी हॉर्स ट्रेडिंग कोई काम नहीं आएगी।
संख्या बल नहीं तो वोट कैसे लेंगे
मुख्य सचेतक डॉ महेश जोशी द्वारा एसीबी में परिवाद देने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो माहौल बना हुआ था, उसे देखते हुए कई आशंकाएं होती है। जब कोई उद्योगपति आता है तो यह मानकर चलो और स्वाभाविक रूप से लगता है कि वह क्यों आए हैं? जब भाजपा के पास संख्या बल नहीं है और वोट कैसे लेंगे। उन्होंने कहा कि जब वे बार-बार बोल रहे हैं कि सभी एकजुट हैं तो पता नहीं कि भाजपा में उनके हाईकमान की स्थानीय नेताओं के बीच क्या समझाइश हुई होगी वह तो वे ही जाने। गहलोत बोले कि वे यह कह सकते हैं कि उनका कुनबा एकजुट है और तीनों सीटें वे ही जीतेंगे।
मोबाइल लेने व पाबंदियों से इंकार
विधायकों से मोबाइल लेने और उन पर पाबंदियों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट इंकार किया कि उन्होंने किसी का मोबाइल नहीं लिया। लोग विश्वास से जुड़ते हैं। यह जानकर आश्चर्य होगा, मोबाइल फोन वो लेते हैं, जिनका विश्वास नहीं है। सरकार पर संकट के समय विधायकों को पोरबंदर ले जाने के लिए उनके दो-दो प्लेन आकर खड़े थे जिनमें से एक खाली वापस गया। पूनियाजी की दुर्गति हुई थी। संकट तो हमारी सरकार पर था जो उन पर शिफ्ट हो गया। गहलोत ने कहा कि वे कभी मोबाइल नहीं लेते हैं, विश्वास करते हैं, इसीलिए हम जीतते हैं। संकट के समय में भी जो उनके साथ थे, किसी का मोबाइल न बदला या न बंद किया। उनके मोबाइल चालू थे और सबसे बात करने की पूरी छूट दी गई थी। इतना बड़ा विश्वास होता है तो लोग साथ जुड़ते हैं जिनको कोई लोभ नहीं दे रहे और लालच नहीं दे रहे हें।
छह विधायकों को साथ लाए गहलोत
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, अनुसूचित जाति आयोग चेयरमैन खिलाड़ीलाल बैरवा, विधायक संदीप यादव, लाखन मीणा, वाजिद अली, गिरिराज सिंह महंगा और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ को साथ लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विशेष विमान से लेकर दोपहर में डबोक एयरपोर्ट पहुंचे। स्वागत सत्कार के बाद वे यहां से सीधे होटल ताज अरावली के लिए प्रस्थान कर गए।
Comment List