समय से पहले जन्मे शिशु की देखभाल करते समय रखें ध्यान
बच्चे को तकिया ना लगाएं।बच्चे को हमेशा पीठ के बल ही सुलाएं।
आपने अक्सर अपने आस-पास या परिवार में लोगों को प्रीमेच्योर बेबी के बारे में बात करते सुना या देखा होगा। साधारण जन्में बच्चे की तुलना में प्रीमेच्योर बेबी को केयर की ज्यादा जरूरत होती है। पर क्या आप इसकी वजह जानते हैं,कैसे करनी चाहिए इन बच्चों की देखभाल।
आपने अक्सर अपने आस-पास या परिवार में लोगों को प्रीमेच्योर बेबी के बारे में बात करते सुना या देखा होगा। साधारण जन्में बच्चे की तुलना में प्रीमेच्योर बेबी को केयर की ज्यादा जरूरत होती है। पर क्या आप इसकी वजह जानते हैं,कैसे करनी चाहिए इन बच्चों की देखभाल।
प्रीमेच्योर बेबी
जिन शिशुओं का जन्म 36 सप्ताह से पहले हो जाता है, उन्हें प्रीमेच्योर बेबी कहते हैं। ऐसे बच्चे के सभी अंग अच्छी तरह विकसित नहीं होते हैं। इसके अलावा उनका इम्यून सिस्टम भी काफी कमजोर होता है। समय से पहले जन्में नवजात शिशुओं की देखभाल में जरा सी भी लापरवाही, उनकी जान के लिए खतरनाक बन सकती है।
कैसे करें देखभाल
प्रीमेच्योर बेबी का जन्म गर्भ में 9 महीने की अवधि पूरी करने से पहले ही हो जाता है। हालांकि मेडिकल साइंस की मदद और घर पर इन बच्चों की अच्छी देखभाल करके समय से पूर्व पैदा होने वाले इन बच्चों को मां के शरीर के बाहर भी पूरी तरह विकसित होने और स्वस्थ बनाए में मदद की जा सकती है। ऐसा करते समय एक्सपर्ट्स कुछ खास बातों का ध्यान रखने का सलाह देते हैं। इस तरह बच्चों को फॉर्मूला मिल्क की जगह ब्रेस्टफीड करवाएं। बच्चे को दिन में 8.10 बार दूध पिलाएं। दो बार दूध पिलाने के बीच का अंतर 4 घंटे से अधिक समय का नहीं होना चाहिए।
बच्चे के विकास का एक ट्रैक रखें।
प्रीटर्म बच्चों की देखने की शक्ति, उनकी आंखों की बनावट और सुनने की शक्ति अन्य बच्चों की तुलना में अलग प्रतीत हो सकती है। इसके लिए समय-समय पर बच्चे की जांच डॉक्टर से करवाते रहें। प्रीमैच्योर बच्चों को अधिक नींद आती हैं। उनके सोने का खास ख्याल रखें।बच्चे को तकिया ना लगाएं।बच्चे को हमेशा पीठ के बल ही सुलाएं।उसे कभी भी पेट के बल ना लिटाएं।
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