अस्पतालों की लिफ्ट हो रही बीमार, मरीजों को दो से तीन माले जाने के लिए सीढ़िया बन रही सहारा

एमबीएस और जेकेलोन में नहीं है लिफ्ट, रेंप के सहारे मरीजों को पहुंचाते हैं वार्ड में, रामपुरा में लिफ्ट लंबे समय से पड़ी है खराब

अस्पतालों की लिफ्ट हो रही बीमार, मरीजों को दो से तीन माले जाने के लिए सीढ़िया बन रही सहारा

रविवार को कोटा मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी विंग की बिल्डिंग में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे मेहमान लिफ्ट बंद होने से लिफ्ट में फंस गए थे। करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाला गया था। बीती घटना के बाद दैनिक नवज्योति ने शहर के न्यू मेडिकल अस्पताल,सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मेडिकल कॉलेज, विज्ञाननगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,रामपुरा सेटेलाइट अस्पताल में लगी लिफ्टों का जायजा लिया।

कोटा। हाड़ौती संभाग सबसे बडे अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में मरीजों को वार्ड में पहुंचाने के लिए लगी लिफ्ट बीमार चल रही है। एमबीएस और जेकेलोन में तो लिफ्ट नहीं होने से मरीजों दूसरे माले पर रेम्प और सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ता है। रविवार को कोटा मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी विंग की बिल्डिंग में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे मेहमान लिफ्ट बंद होने से लिफ्ट में फंस गए थे। करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाला गया था। बीती घटना के बाद दैनिक नवज्योति ने शहर के न्यू मेडिकल अस्पताल,सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मेडिकल कॉलेज, विज्ञाननगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,रामपुरा सेटेलाइट अस्पताल में लगी लिफ्टों का जायजा लिया। इन अस्पतालों में ज्यादातर लिफ्ट बंद पड़ी मिली,तो वहीं कुछ को बंद कर रखा है। अस्पतालों में बंद पड़ी लिफ्टे यहां आने वाले मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। ग्राउंड फ्लोर से लेकर तीसरी या पांचवी मंजिल तक सैंकड़ों सीढ़िया चढ़कर मरीजों को इलाज करवाने के लिए जाना मरीजों के लिए बेहद मुश्किल है।

आॅपरेशन थियेटर तक पहुंचाने वाली लिफ्ट नहीं है
अस्पताल में ब्लड बैंक के सामने ग्राउंड फ्लोर से मरीजों को आॅपरेशन थियेटर तक पहुंचाने के लिए लिफ्ट लगी हुई है। लेकिन इसका इस्तेमाल मरीज कम डॉक्टर और स्टाफ ज्यादा करता है। लिफ्ट गार्ड नहीं होने से मरीजों को लिफ्ट उपयोग करना नहीं आता है। लिफ्टमैन नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले ज्यादातर मरीजों को लिफ्ट की जानकारी नहीं होती,ऐसे में मरीज उलझे रहते है। इस लिफ्ट में 20 व्यक्ति एकसाथ जा सकते है और इसकी भार क्षमता 1360 किलोग्राम है।

किडनी ट्रांसप्लांट तक नहीं पहुंचती लिफ्ट
अस्पताल में ग्राउंड फ्लोर से किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट तक पहुंचाने के लिए लिफ्ट है। यह लिफ्ट सिर्फ प्रथम मंजिल तक ही पहुंच पाती है। लिफ्ट में लगा हुआ मंजिल 2 का बटन दबाने पर काम नहीं करता। यह लिफ्ट किड़नी ट्रांसप्लांट यूनिट द्वितीय मंजिल तक नहीं पहुंच रही। लिफ्ट में एकसाथ 20 व्यक्ति आ सकते है,और इसकी भार क्षमता 1360 किलोग्राम है।

क्रिटिकल केयर यूनिट को दोनों लिफ्टे बंद
क्रिटिकल केयर यूनिट पास दो लिफ्टे लगी हुई। ये दोनों लिफ्टे बंद पड़ी हुई,हालांकि दोनों लिफ्टों में फ्लोर 2 पर पहुंचने के लिए बाहर लिफ्टों की डिजिटल स्लाइट पर नम्बर आ रहे थे। दोनों लिफ्टे चालू थी और इनमें बिजली थी लेकिन लिफ्ट काम नहीं कर रही। लिफ्ट के बाहर गंदगी फैली हुई थी,साथ ही मकड़ी के जाले भी लगे हुए थे।विज्ञाननगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लिफ्ट लगी हुई है जो ग्राउंड फ्लोर से तीसरी मंजिल तक पहुंचती है। इस लिफ्ट में 10 लोग एकसाथ जा सकते है।  इसकी सर्विस 20 दिन पहले ही कि गई है। 6 माह बाद कम्पनी द्वारा लिफ्ट के मेंटिनेंस का कार्य किया जाता है। बिजली जाने के बाद या लिफ्ट में खराबी आने के बाद भी यह ग्राउंड फ्लोर तक पहुंच जाती है।

न्यू मेडिकल अस्पताल में दो लिफ्ट, एक बंद होने से एक पर ही सारा भार
न्यू मेडिकल अस्पताल में प्रवेश करते ही केश काउंटर के पास 2 लिफ्ट लगी हुई है। यह लिफ़्ट ग्राउंड फ्लोर से अस्पताल की तीसरी मंजिल तक पहुंचाती है। इस लिफ्ट में 15 व्यक्ति एकसाथ ऊपर जा सकते है और इसकी भार क्षमता 1020 किलोग्राम है। इसके साथ वाली लिफ्ट बंद होने से इस पर भार अधिक बढ़ा है। लिफ्ट में क्षमता से ज्यादा लोग जाते है और यह बार-बार इस्तेमाल होती है। ऐसे में कभी बड़ा हादसा होने का अंदेशा बना रहता है।

सेटेलाइट अस्पताल की लिफ्ट बंद
रामपुरा सेटेलाइट अस्पताल में लगी लिफ्ट अभी तक शुरू ही नहीं हो पाई। अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि लिफ्ट को चलाने के लिए अलग से बिजली की व्यवस्था होनी चाहिए,जिसको लेकर काफी बार उच्चाधिकारियों को भी अवगत करवा दिया गया लेकिन इसके बाबजूद भी इसकी और कोई ध्यान नहीं दिया गया। फिलहाल यह लिफ्ट शुरू होने का इंतजार कर रही है।

इनका कहना है
न्यू मेडिकल अस्पताल में कुल 8 लिफ्ट लगी हुई है। 7 लिफ्ट नई है और 1 पुरानी। यह सभी लिफ्ट अभी एक साल की वारंटी में है। सभी लिफ्ट अच्छी तरह से काम कर रही है और कोई भी लिफ्ट बंद नहीं है। किडनी ट्रांसप्लांट को जाने वाली लिफ्ट बंद की गई है,क्योंकि किडनी ट्रांसप्लांट के केस बहुत कम आते है। ये सभी लिफ्टे आॅटोमेटिक है और लिफ्ट में तकनीकी खराबी आने के बाद लिफ्ट के बाहर लगा हुआ सायरन बज जाता है जिससे तकनीकी कर्मचारी वहां पहुंच जाते है। लिफ्ट में खराबी आने के बाद किसी भी फ्लोर पर जाकर लिफ्ट का गेट खुल जाता है और वह बंद हो जाती है।
- चंद्रशेखर सुशील, अधीक्षक न्यू मेडिकल अस्पताल कोटा

अस्पताल में लिफ्ट अटकने का जो मामला हुआ है यह बड़ा ही गंभीर मामला है। लिफ्ट में तकनीकी फाल्ट आ गया था जिसकी वजह से वह बीच में रुक गई। अस्पताल में कुल 5 लिफ्ट लगी हुई है,जो सभी कोनी कम्पनी की है। 3 लिफ्ट का यूज मरीजों व स्टाफ के लिए होता है जबकि 2 लिफ्ट में सिर्फ अस्पताल का सामान ले जाया जाता है। भविष्य में ऐसी घटना दोबारा ना हो इसके लिए अस्पताल के कर्मचारियों को भी अलर्ट किया गया है। कोनी कम्पनी को इस सम्बंध में चेतावनी का नोटिस भी भेजा गया,क्योंकि यह सभी लिफ्ट नई लगी हुई है। अगर भविष्य में ऐसी घटना होती है तो कोनी कम्पनी पर जुर्माना लगाया जाएगा।
- डॉ. निलेश कुमार जैन,अधीक्षक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल कोटा

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