नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी के सामने राहुल गांधी पेश, कांग्रेस ने दिखाई एकजुटता, सीएम गहलोत समेत कई पार्टी नेता हिरासत में
राहुल से सवाल, सड़कों पर राजनीतिक बवाल
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में ईडी दफ्तर में राहुल गांधी से सोमवार को पूछताछ हुई। इस दौरान राहुल से 3 अधिकारियों ने पूछताछ की। वहीं राहुल गांधी की ईडी कार्यालय में हो रही पेशी के मामले को लेकर दिल्ली में कांग्रेस के कार्यकर्ता, नेता सड़कों पर उतरे और 'सच झुकेगा नहीं' के नारों के साथ प्रदर्शन किया।
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में ईडी दफ्तर में राहुल गांधी से सोमवार को पूछताछ हुई। इस दौरान राहुल से 3 अधिकारियों ने पूछताछ की। वहीं राहुल गांधी की ईडी कार्यालय में हो रही पेशी के मामले को लेकर दिल्ली में कांग्रेस के कार्यकर्ता, नेता सड़कों पर उतरे और 'सच झुकेगा नहीं' के नारों के साथ प्रदर्शन किया। इससे पहले प्रियंका गांधी भी राहुल गांधी के घर पहुंची थी। वह उनके साथ एआईसीसी मुख्यालय से निकलीं। वह राहुल गांधी के साथ एक ही कार में बैठकर ईडी के दफ्तर की ओर गईं। इस बीच कांग्रेस मुख्यालय में बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता पहुंचे। इस दौरान राहुल गांधी के समर्थन में उन्होंने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कांग्रेस के कई नेता एआईसीसी मुख्यालय के सामने सड़क पर ED के समन के खिलाफ धरने पर बैठ गए. विरोध प्रदर्शन कर रहें नेताओं में दिल्ली पुलिस ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह, दीपेंद्र हुड्डा, पवन खेड़ा, पीएल पुनिया, गौरव गोगोई और मीनाक्षी नजराजन सहित कई कांग्रेसी नेता-कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। जिसके बाद प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल तुगलक रोड थाना पहुंचे।
माना जा रहा है कि राहुल गांधी को ईडी के समन को कांग्रेस ने एक मौके तौर पर लिया है। मार्च में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद से कांग्रेस के कार्यकर्ता निराश हैं। ऐसे में पार्टी मान रही है कि इस पेशी के जरिए वह कार्यकर्ताओं के उत्साह में कुछ जान फूंक सकेगी। यहीं नहीं परिवार भी इस मौके पर एकजुट दिख रहा है। एक तरफ प्रियंका गांधी अपने भाई के घर पहुंची, तो वहीं रॉबर्ट वाड्रा ने भी ट्वीट कर राहुल गाँधी को ढांढस बंधाया है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मुझे भी ईडी ने कई समन जारी किए थे। लेकिन मैंने सभी का जवाब दिया।
कांग्रेस इस मसले को गांधी परिवार के खिलाफ साजिश और राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तौर पर पेश करना चाहती है। इसके अलावा एजेंसियों के बेजा इस्तेमाल का भी आरोप कांग्रेस लगा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इससे एक तरफ कांग्रेस गांधी परिवार पर लगे आरोपों को गलत साबित करने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा एकजटुता और शक्ति प्रदर्शन के मौके के तौर पर भी इस इस पेशी को देखा जा रहा है।
हालांकि भाजपा भी इस मसले पर बैकफुट पर आने की बजाय लगातार आक्रामक बनी हुई है। भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी जमानत पर हैं और उन्हें खुद को निर्दोष साबित करना चाहिए। यही नहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी और कांग्रेस को इस तरह शक्ति प्रदर्शन की बजाय संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान की मिसाल देनी चाहिए। ऐसे में राहुल गांधी की पेशी एक बड़े राजनीतिक इवेंट में तब्दील हो गई है।
इस बीच, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की ईडी के समक्ष पेशी पर पार्टी के प्रस्तावित 'सत्याग्रह' को रोकने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नई दिल्ली इलाके में 'अघोषित आपातकाल' लगा दिया है। पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि पुलिस ने कांग्रेस के बहुत सारे कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है और कई नेताओं को नजरबंद कर दिया है।
सुरजेवाला ने कहा, ''दिल्ली पुलिस ने कल रात से धर-पकड़ शुरू कर दिया है। दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। हजारों कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया है और हमारे कई नेताओं को नजरबंद किया गया है। मोदी सरकार ने नयी दिल्ली इलाके में अघोषित आपातकाल लगा दिया है। मोदी जी जान लें, सत्याग्रह को कोई नहीं रोक सकता। हम झुकने वाले नहीं हैं, हम डरने वाले नहीं है। यह सत्य के लिए लड़ाई है। यह लड़ाई जारी रहेगी।''
गौरतलब है कि ईडी ने 'नेशनल हेराल्ड' से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया है। जांच एजेंसी ने इससे पहले राहुल को दो जून को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने पेश होने के लिए कोई दूसरी तारीख देने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह देश से बाहर हैं। जांच एजेंसी ने इसी मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को तलब किया है। पहले उन्हें आठ जून को पेश होने के लिए नोटिस दिया गया था। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष ने पेश होने के लिए और समय मांगा है क्योंकि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और अब तक स्वस्थ नहीं हुई हैं।
क्या है पूरा मामला:-
ईडी के अधिकारियों ने पिछले दिनों बताया था कि एजेंसी धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत सोनिया और राहुल के बयान दर्ज करना चाहती है। अधिकारियों ने कहा था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है ताकि 'यंग इंडियन' और 'एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' (एजेएल) की हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेनदेन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके। 'यंग इंडियन' के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी व राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं।
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