पूर्ण वैक्सीनेशन अभियान को सफल बना सकते हैं जनप्रतिनिधि...?

पूर्ण वैक्सीनेशन अभियान को सफल बना सकते हैं जनप्रतिनिधि...?

देश में यदि वैक्सीनेशन अभियान को सफल करना है तो जनप्रतिनिधियों को लक्ष्य देना चाहिए। जब चुनाव के समय जनप्रतिनिधि वोट लेने के लिए घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं तो वैक्सीनेशन को सफल बनाने के लिए क्यों नहीं घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं? यह देश व जनहित का कार्य है।

@नरेन्द्र चौधरी

 

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है। प्रतिदिन लाखों लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। किंतु जिस रफ्तार से कोरोना अपने पैर पसार रहा है उसको देखते हुए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया गति नहीं पकड़ पा रही है। वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के हरसंभव प्रयास इसलिए जरूरी है क्योंकि कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या फिर तेजी से बढ़ने लगी है। जिस रफ्तार से देश में वैक्सीन लग रही है ऐसे में सभी लोगों को टीका लगाने में कई साल लग सकते हैं। देश में अभी सिर्फ करीब 5 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन लग पाई है। जबकि ब्रिटेन व इजराइल में वैक्सीनेशन बहुत तेजी से किया जा रहा है। वहां मामले भी कंट्रोल में है। देश में यदि वैक्सीनेशन अभियान को सफल करना है तो जनप्रतिनिधियों को लक्ष्य देना चाहिए। जब चुनाव के समय जनप्रतिनिधि वोट लेने के लिए घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं तो वैक्सीनेशन को सफल बनाने के लिए क्यों नहीं घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं? यह देश व जनहित का कार्य है।

वार्ड पंच से लेकर सांसद तक की जिम्मेदारी टीकाकरण अभियान को सफल बनाने की होनी चाहिए। उन्हें लक्ष्य दिया जाना चाहिए कि प्रतिदिन एक निश्चित संख्या में वैक्सीनेशन करना है साथ ही समय सीमा भी निर्धारित की जानी चाहिए कि इतने समय में वैक्सीनेशन का कार्य पूरा हो जाना चाहिए। जनप्रतिनिधियों को यदि इसका लक्ष्य दिया जाता है तो वह इस कार्य को कर सकते हैं। 5 राज्यों में अभी चल रहे विधानसभा चुनाव में सभी जनप्रतिनिधियों को वोट हासिल करने और सीटें जीतने का लक्ष्य दिया हुआ है। चुनाव निश्चित समय अंतराल में होते हैं ऐसे में कुर्सी की लड़ाई में छोटे कार्यकर्ता से लेकर बड़े स्तर का जनप्रतिनिधि जी-जान से जुट कर एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। कोरोना काल में भी विधानसभा चुनाव में रैलियां, रोड शो, जनसभाएं हो रही हैं। कोरोना संक्रमण फैल गया तो क्या जनप्रतिनिधियों की कोई जिम्मेदारी नहीं रहेगी? वैक्सीनेशन से ज्यादा महत्वपूण कुर्सी की लड़ाई हो रही है।

चुनाव में जीत-हार तो लगी रहती है। किंतु असली जंग कोरोना संक्रमण को देश से हराने की है। तब देश की असली जीत होगी। देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। इसे काबू करने के लिए जनभागीदारी पर जोर दिया जाता है। वैक्सीनेशन अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी क्या जनप्रतिनिधियों की नहीं हैं? यह कार्य उनके लिए देशभक्ति नहीं है? देशभक्ति का जिम्मा क्या सिर्फ आम जनता के लिए ही है? वार्ड पंच से लेकर सांसद तक वैक्सीनेशन अभियान में जुट जाए तो बहुत जल्दी यह अभियान पूरा हो सकता है। इससे देश को बहुत फायदा होगा। लॉकडाउन और कर्फ्यू की स्थिति से बचा जा सकेगा।

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