निवेशकों के 15 लाख करोड़ से अधिक डूबे
गिरावट के साथ 15293.50 अंक पर रहा
वैश्विक स्तर पर बढ़ती महंगायी को काबू में करने के लिए केन्द्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की जा रही बढ़ोतरी के बाद निवेशकों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीते सप्ताह की गयी भारी बिकवाली का असर घरेलू स्तर पर भी दिखा, जहां गिरावट के कारण निवेशकों के 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक डूब गये।
मुंबई। वैश्विक स्तर पर बढ़ती महंगायी को काबू में करने के लिए केन्द्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की जा रही बढ़ोतरी के बाद निवेशकों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीते सप्ताह की गयी भारी बिकवाली का असर घरेलू स्तर पर भी दिखा, जहां गिरावट के कारण निवेशकों के 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक डूब गये। समीक्षाधीन अवधि में बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2943.02 अंकों की गोता लगाकर 52 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 51360.42 अंक पर आ गया। सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 51 हजार से भी नीचे आ गया है। इसी तरह से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 908.3 अंकों की गिरावट के साथ 15293.50 अंक पर रहा।
दिग्गज कंपनियों की तरह ही छोटी और मझौली कंपनियों में भी बिकवाली का दबाव रहा, जिससे समीक्षाधीन अवधि में बीएसई का मिडकैप 1194.39 अंक टूटकर 21295.93 अंक पर और स्मॉलकैप 1723.54 अंक गिरकर 24133.88 अंक पर रहा। बाजार में बीते सप्ताह की बिकवाली में निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस बिकवाली में विदेशी निवेशकों की बड़ी भूमिका रही है, क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी किये जाने के बाद उन्होंने बिकवाली की।
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