उद्धव ठाकरे की मुश्किलें नहीं हो रही कम, एकनाथ शिंदे के खेमे में गए शिवसेना के 2 और विधायक
कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने के लिए तैयार
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। शिवसेना के दो और विधायक एकनाथ शिंदे के खेमे में चले गए।
मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। शिवसेना के दो और विधायक एकनाथ शिंदे के खेमे में चले गए। दूसरी तरफ शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि हम एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने के लिए तैयार हैं। बस शिंदे मुंबई आकर उद्धव से बात करें। इसके अलावा बीजेपी ने शिंदे को सरकार बनाने का ऑफर भेज दिया है।
राउत के बयान के बाद राकांपा की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। राकांपा ने कहा है कि राउत सोच-समझ कर बयान दे। ऐसे बयानों से गठबंधन सरकार को खतरा हो सकता है।
नौ सांसद भी छोड़ेंगे उद्धव का साथ
वर्तमान हालात के बाद अब शिवसेना टूट की कगार पर नजर आ रही है। विधायकों की तरह ही शिवसेना के 19 में से करीब 8-9 सांसद भी उद्धव का साथ छोड़ सकते है। इनमें से ज्यादातर सांसद कोंकण, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र से है। इनमें से वाशिम की शिवसेना सांसद भावना गवली का नाम सबसे प्रमुख बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार ये सांसद सत्ता परिवर्तन का इंतजार कर रहे हैं और शिंदे के हाथ में शिवसेना की पूरी कमान आते ही ये उद्धव से अलग हो जाएंगे।
शिंदे का नया गेम : पूर्व पार्षदों को साथ लाएंगे
उधर शिंदे 400 पूर्व पार्षदों को अपने साथ लाकर उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहे हैं। कुछ समय बाद ही वहां मुम्बई नगरपालिका के चुनाव होने वाले हैं।
इस राजनीतिक संकट के पीछे भाजपा का हाथ : पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट में भाजपा का हाथ है। उन्होंने सवाल किया कि शिव सेना के बागी विधायकों की गुवाहाटी में किसने व्यवस्था की। पवार ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि वर्तमान सरकार अल्पमत में है या नहीं इसका फैसला तो विधानसभा में ही होगा और सदन में बहुमत सिद्ध करने के समय बागी विधायक भी सरकार के पक्ष में मतदान करेंगे। जब सभी विधायक वापस आएंगे, तभी तस्वीर स्पष्ट हो सकेगी। उन्होंने कहा कि महा विकास अघाड़ी समस्या का निराकरण मिलकर करेगी।
दल ने फैसला सराहा
इस बीच शिंदे का एक बयान सामने आया है। वे गुवाहाटी में रुके बागी विधायकों से कह रहे हैं कि एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी, जो सुपर पावर है, ने ऐतिहासिक फैसले लेने के लिए उनकी सराहना की है। उस पार्टी ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर हर संभव मदद सुनिश्चित की जाएगी। हालांकि, शिंदे ने खुलकर किसी पार्टी का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन इसे बीजेपी से जोड़कर देखा जा रहा है।
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