ब्रेन डेड युवक ने अंगदान कर चार को दी नई जिंदगी

एसएमएस में हुआ चौथा हार्ट ट्रांसप्लांट, प्रदेश में अब तक 11 हार्ट ट्रांसप्लांट

ब्रेन डेड युवक ने अंगदान कर चार को दी नई जिंदगी

लिवर और एक किडनी महात्मा गांधी अस्पताल, एक किडनी और हार्ट एसएमएस में लगाया

जयपुर। सवाईमानसिंह अस्पताल में शुक्रवार को चौथा हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया। जयपुर के फोर्टिस हॉस्पिटल में ब्रेन डेड मरीज के अंगदान के बाद ये ट्रांसप्लांट किया गया। हार्ट के अलावा मरीज की दोनों किडनी और लिवर भी डोनेट किए गए, जिससे कुल चार लोगों की जिंदगी बचाई गई। प्रदेश में किया गया यह 11वां हार्ट ट्रांसप्लांट है। ब्रेनडेड 36 वर्षीय राजेन्द्र शिंदे मूलत: महाराष्टÑ के पुणे का रहना वाला था और यहां सीकर रोड पर गोविंदगढ़ में काम करता था। सड़क हादसे में घायल होने के बाद राजेन्द्र को फोर्टिस लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद डॉक्टर्स ने अंगदान के लिए राजेन्द्र की पत्नी से समझाइश की जो अंगदान के लिए तैयार हो गई। एक किडनी और हार्ट को ग्रीन कोरिडोर से ट्रांसप्लांट के लिए एसएमएस हॉस्पिटल में लाया गया जबकि एक किडनी व लिवर महात्मा गांधी हॉस्पिटल में जरूरत मंद मरीजों को लगाया गया।

आठ घंटे चला ट्रांसप्लांट
एसएमएस हॉस्पिटल के सीनियर प्रोफेसर और सिटी सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. राजकुमार यादव और आचार्य डॉ. रामगोपाल यादव ने बताया कि सुबह करीब 10.30 बजे हार्ट को एसएमएस हॉस्पिटल लाया गया और शाम 6.30 बजे तक सर्जरी चली। जहां अलवर निवासी 40 साल की महिला धोली देवी को हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया। महिला की तबीयत अब ठीक है और उसे आईसीयू में रखा गया है। महिला को करीब चार साल से हार्ट की समस्या थी और पांच दिन पहले ही उसे कार्डियक अरेस्ट आया था। ऐसे में अब हार्ट ट्रांसप्लांट ही अंतिम उपाय था। जैसे ही शुक्रवार सुबह डोनर मिला तो महिला का आॅपरेशन करके उसे दूसरा हार्ट लगाया गया। इस दौरान सीनियर प्रोफेसर डॉ. अनिल शर्मा ने भी अपना सहयोग दिया। इस दौरान टीम में डॉ. रामस्वरूप सैन, डॉ. राजेन्द्र महावर, डॉ. देवी प्रसाद सैनी, डॉ. राजेश शर्मा के अलावा एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट से डॉ. रीमा मीणा, डॉ. अंजुम सैयद, डॉ. अरूण और नर्सिंग स्टाफ  संतोष, रोशन यादव, विश्वनाथ शर्मा समेत अन्य स्टाफ  मौजूद रहे!

पहली बार पुरुष का हार्ट महिला को लगाया
सीनियर प्रोफेसर डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी पुरुष का हार्ट महिला मरीज को लगाया गया है। एक पुरुष का हार्ट बड़ा होता है और महिला का छोटा और पुरुष के मुकाबले थोड़ा कमजोर होता है। ऐसे में पुरुष का हार्ट महिला को लगाए जाने से ट्रांसप्लांट के रिजल्ट अच्छे रहते हैं।

 

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