नालों में मकान बने, पानी बहाव में हुआ अवरोध

बरसात के समय फिर से होगी पानी भरने की समस्या

नालों में मकान बने, पानी बहाव में हुआ अवरोध

शहर के विकास व विस्तार के साथ ही जहां दूरदराज तक बस्तियां व कॉलोनियां बन गई हैं। वहीं दूसरी तरफ कई लोग नालों तक में मकान बनाकर रहने लगे हैं। जिससे वहां पानी के बहाव में अवरोध होने लगा है।

कोटा। शहर के विकास व विस्तार के साथ ही जहां दूरदराज तक बस्तियां व कॉलोनियां बन गई हैं। वहीं दूसरी तरफ कई लोग नालों तक में मकान बनाकर रहने लगे हैं। जिससे वहां पानी के बहाव में अवरोध होने लगा है। मानसून सत्र शुरु होने वाला है। ऐसे में चार महीने तक होने वाली बरसात में उन नालों में पानी भरने से वहां रहने वालों को समस्या का सामना करना पड़ेगा। शहर में रहने के लिए लोगों ने एक ओर जहां कृषि भूमियों तक पर भूखंड काटकर मकान बना लिए है। वहीं दूसरी तरफ लोगों को जहां जगह मिल रही है। वहीं मकान बनाकर रहने लग रहे हैं। शहर में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां हर साल बरसात में पानी भरता है। उसके बावजूद भी लोग वहां सस्ते के लालच में जगह लेकर मकान बनाकर रहने लगे हैं।

बढ़ती जा रही नाले में मकानों की संख्या
झालावाड़ रोड पर अनंतपुरा तालाब हो या पुराने थाने के पीछे का नाला। गोबरिया बावड़ी क्षेत्र का नाला हो या नदी पार नांता क्षेत्र का। हर जगह पर नालों में जहां बस्तियों के और बरसात में बरसाती पानी के निकास की जगह बनी हुई थी। वहां लोग मकान बनाकर रहने लगे हैं। ये मकान भी एक दो साल में नहीं वरन् पिछले कई सालों से बन रहे हैं। एक दूसरे को देखकर उनकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। डूब क्षेत्र में होने से वहां हर साल आस-पास के क्षेत्रों का पानी बहकर आता है। जिससे वहां रहने वालों के मकान भी बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। उसके बाद भी लोग वहां से जाने को तैयार नहीं हैं। पिछले कई सालों से बरसात के समय में अनंतपुरा हो या देवली अरब रोड की कॉलोनियां वहां पानी भरने पर नावें चलाई जा रही हैं। जिससे रेस्क्यू कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाने की मशक्कत करनी पड़ रही है। बरसात खत्म होते ही फिर से लोग वहां जा बसे। इस बार कुछ ही दिन में फिर से बरसात आने वाली है। तेज बरसात होने से इस साल एक बार फिर से पुरानी स्थिति होने की संभावना है।

हर साल नए मकान बन रहे
नगर निगम के गोताखोर विष्णु श्रृंगी ने बताया कि शहर के कई इलाके ऐसे हैं जहां हर साल बरसात में पानी भरता ही है। कुछ इलाकों में तो वर्ष 2006 से ही हर साल नाव चलाकर लोगों को रेस्क्यू किया जाता है। जब भी टीम रेस्क्यू के लिए जाती है। उस समय वहां उन्हें नए मकान बनते हुए ही नजर आते हैं। लोगों को उन जगह पर मकान नहीं बनाने के लिए समझाइश भी की जाती है। लेकिन उन लोगों का कहना है कि बरसात के समय कुछ दिन परेशानी आती है। उसके बाद पूरे साल उन्हें कोई परेशानी नहीं है। सस्ती जगह मिलने से गरीबों के लिए वही उचित जगह है।

निगम ने किए नाले साफ, पानी नहीं भरेगा
नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण द्वारा बरसात से पहले सभी छोटे-बड़े बरसाती नालों की सफाई का अभियान चलाया। करीब दो माह से जेसीबी व चैन माउंटेंड मशीनों से नालों की सफाई करवाई जा रहा है। महापौर राजीव अग्रवाल का कहना है कि अधिकतर नालों की गहराई तक सफाई करवाई गई है। जिससे शहर में तो पानी भरने की समस्या नहीं होगी। फिर भी यदि कहीं परेशानी आई तो टीमें तैयार रहेंगी। लेकिन यदि कोई नालों में ही बस गया है तो वहां डूब क्षेत्र होने से पानी भरेगा है। उसका कोई समाधान नहीं है। लोगों को ही समझकर अपनी जान-माल की सुरक्षा करनी होगी। बरसात से पहले सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए।

बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम स्थापित
बरसात के समय में हर साल होने वाली समस्या को देखते हुए इस बार भी जिला प्रशासन ने 15 जून से ही बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है। गोताखोर से लेकर रेस्क्यू टीम तक तैतार कर दी है। लेकिन इसकी जरूरत पानी अधिक भरने पर लोगों को राहत पहुंचाने के समय पड़ेगी। जबकि उससे पहले ही इस तरह की नौबत नही आए उसके लिए प्रशासन द्वारा कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। डूब क्षेत्र में या नालों में मकान बनाकर अवरोध करने वालों को समझाइश कर पहले से ही वहां से पुनर्वास करने जैसे कोई कदम अभी तक नहीं उठाए हैं। जिससे बरसात के समय में एक बार फिर से लोगों को मकानों में  पानी भरने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

इनका कहना है
गत दिनों जिला कलक्टर कीे अध्यक्षतरा में सभी विभागों की बैठक हुई थी। जिसमें बरसात से पहले नालों में अवरोध पैदा करने वालों को वहां से हटाने के न्यास अधिकारियों को निर्देश दिए थे। साथ ही डूब क्षेत्र के लोगों को वहां से हटाने को भी कहा था। बरसात में होने वाली समस्या से बचने के लिए लोगों को स्वयं ही उन जगहों से हटकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए।
राजपाल सिंह, आयुक्त, नगर निगम कोटा दक्षिण

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