न्यूरोइंटरवेंशन रेडियोलॉजी तकनीक बनी मरीजों के लिए वरदान
बिना ओपन सर्जरी किए ब्रेन स्ट्रोक का ईलाज कर बचाई 65 वर्षीय बुजुर्ग की जान।
शहर के एक निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने आधुनिक न्यूरोइंटरवेंशन मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी तकनीक से बिना सर्जरी किए दिमाग की मुख्य नस में फंसे हुए क्लॉट को तार के जरिए निकालकर मरीज की जान बचाई।
जयपुर। शहर के एक निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने आधुनिक न्यूरोइंटरवेंशन मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी तकनीक से बिना सर्जरी किए दिमाग की मुख्य नस में फंसे हुए क्लॉट को तार के जरिए निकालकर मरीज की जान बचाई है। जयपुर निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग को अचानक बोलने में तकलीफ हुई और वे बेहोश हो गए, उन्हें तुरंत इटरनल अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया। यहां उनका एमआरआई और एंजियोग्राफी कराई, जिसमें दिमाग की बड़ी मुख्य नस में ब्लॉकेज मिला।
अस्पताल के न्यूरोइंटरवेंशन विशेषज्ञ डॉ. मदनमोहन गुप्ता ने डीएसए और मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी कर बिना चीरे टांके के कैथलेब में ले जाकर दिमाग की नस से क्लॉट निकाल दिया और मुख्य नस को भी खोल दिया। डॉ. गुप्ता ने बताया कि मरीज को तीन दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है। प्रोसीजर टीम में न्यूरोसाइंस विभाग के चेयरमैन डॉ. सुरेश गुप्ता, डॉ. सुरेन्द्र, डॉ. अरुण, डॉ. ताराचंद, आईसीयू के डॉ. अरुण शर्मा सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
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