डाक टिकट से बनी पहचान, लोगों में बढ़ रहा रुझान

आमजन को रास आ रही माय टिकट योजना

डाक टिकट से बनी पहचान, लोगों में बढ़ रहा रुझान

डाक विभाग की ओर से संचालित मायटिकट योजना आमजन को काफी रास आ रही है। इस योजना के तहत आमजन अपने नाम की पहचान बना सकता है। इसके लिए ज्यादा रकम खर्च नहीं करनी पड़ेगी।

कोटा। डाक विभाग की ओर से संचालित मायटिकट योजना आमजन को काफी रास आ रही है। इस योजना के तहत आमजन अपने नाम की पहचान बना सकता है। इसके लिए ज्यादा रकम खर्च नहीं करनी पड़ेगी। कम खर्च में आमजन अपने नाम से डाक टिकट छपा सकता है और इसका उपयोग अन्य डाक टिकटों की तरह किया जा सकता है। आम तौर पर डाक टिकटों पर महापुरुषों के चित्र लगे होते हैं। अलग-अलग मूल्य के डाक टिकटों पर अलग-अलग महापुरुषों के चित्र बने होते हैं। जिसके साथ टिकट का मूल्य भी लिखा रहता है। लोगों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से डाक विभाग ने आमजन के डाक टिकट जारी करने के लिए माय टिकट योजना शुरू की। इसमें कोई भी व्यक्ति अपनी फोटो डाक टिकट पर लगवा सकता है। इस टिकट का रजिस्ट्री व अन्य डाक सामग्री भेजने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

यह है योजना

डाक विभाग की ओर से माई टिकट योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत स्वयं का डाक टिकट बनवाया जा सकता है। डाक  टिकट पर फोटो भी रहेगी। यह डाक टिकट उसी तरह काम करेगा जैसे अन्य डाक टिकट काम करते हैं। डाक विभाग ने यह योजना लोगों को डाक घर से जोड़ने और नई सुविधा उपलब्ध कराने के मकसद से चलाई है। डाक विभाग की ओर से सभी लोगों को अपने नाम से डाक टिकट बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। 

तीन सौ जमा करवाओ, अपना टिकट बनवाओ

Read More राजस्थान में ओपीएस के लिए 41 हजार करोड़ की दरकार, ओपीएस पर रार केन्द्रीय वित्त मंत्री के जवाब के बाद राज्य सरकार ने पीएम को लिखा पत्र

डाक विभाग की इस योजना के तहत डाक टिकट बनवाने के लिए डाक घर में जाकर निर्धारित फार्म भरना होगा। फार्म जमा कराते समय तीन सौ रुपए जमा करवाने होंगे। इस राशि में पांच-पांच रुपए के 12 टिकट बनाकर फार्म भरने वाले उपभोक्ता को दिए जाएंगे। इसके बाद उपभोक्ता इन टिकटों का उपयोग रजिस्ट्री और अन्य डाक सामग्री भेजने में उपयोग कर सकता है। वहीं उपभोक्ता इन टिकटों को संग्रहण कर अपने पास भी रख सकता है। 

Read More अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए 16 छात्रावासों का होगा निर्माण

मशीन से होती है छपाई

Read More Indira Gandhi Smartphone Scheme: मुफ्त मोबाइल का दुबारा न्यौता, सिस्टम पर उठे सवाल

डाक विभाग की ओर से टिकटों की छपाई के लिए अलग से मशीन की व्यवस्था की गई है। यह मशीन में पूरे जिले में केवल प्रधान डाकघर में लगाई जाती है। कोटा शहर में यह मशीन नयापुरा स्थित प्रधान डाकघर में लगा रखी है। इस मशीन का सेटअप अलग तरह से होता है।

हर माह आ रहे आठ आवेदन

डाक विभाग के अनुसार माई टिकट योजना के प्रति लोगों की काफी रुचि बनी हुई है। योजना के शुरुआत के समय आमजन को इसकी जानकारी नहीं थी। ऐसे में विभाग ने डाकघर में विभिन्न कार्यों के लिए आने वाले लोगों को इसकी जानकारी देना शुरू किया। जब लोगों को इस योजना की जानकारी मिली तो उन्होंने इसमें काफी रुचि दिखाई। प्रारम्भ में इस योजना में आवेदन करने लोगों की संख्या काफी कम थी। बाद में इसकी उपयोगिता को देखते हुए आमजन की योजना में भागीदारी बढ़ती चली गई। वर्तमान में हर माह करीब आठ आवेदन इस योजना के तहत अपना डाक टिकट बनवाने के लिए आ रहे हैं।  

 रजिस्ट्री और साधारण डाक में अभी भी डाक टिकटों का उपयोग होता है। इस योजना के तहत उपभोक्ता को पांच-पांच रुपए के 12 टिकट दिए जाते हैं। तीन सौ रुपए जमा कराने के बाद 60 रुपए के डाक टिकट बनाकर दिए जाते हैं। इन टिकटों का उपयोग आवेदनकर्ता अपनी सुविधा के अनुसार कर सकता है।

- सुशील कुमार राठौर, सहायक डाक अधीक्षक नयापुरा

Post Comment

Comment List

Latest News