रिफाइनरी की तरह ईआरसीपी पर भी जनता की आवाज सुननी पड़ेगी, हम योजना बंद नहीं करेंगे: गहलोत

गहलोत ने ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने की फिर मांग उठाई।

 रिफाइनरी की तरह ईआरसीपी पर भी जनता की आवाज सुननी पड़ेगी, हम योजना बंद नहीं करेंगे: गहलोत

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने की फिर मांग उठाई। गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को जैसे रिफाइनरी को लेकर काम शुरू करना पड़ा वैसे ही इआरसीपी पर भी जनता की आवाज सुननी पड़ेगी। हम यह योजना बंद नहीं करने वाले हैं।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने की फिर मांग उठाई। गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को जैसे रिफाइनरी को लेकर काम शुरू करना पड़ा वैसे ही इआरसीपी पर भी जनता की आवाज सुननी पड़ेगी। हम यह योजना बंद नहीं करने वाले हैं।

बिरला सभागार में ईआरसीपी परियोजना से जुड़े 13 जिलों के कांग्रेस जन प्रतिनिधियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहते हैं कि पानी राज्य का विषय है तो केंद्र सरकार इसमें दखल देने वाली कौन होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2018 में दो बार इस परियोजना पर सकारात्मक रुख रखने की बात कह चुके हैं। अब मुख्य सचिव को पत्र लिखकर योजना को बंद करने की बातें कर रहे हैं। मैं ऐलान करता हूं कि यह योजना बंद नहीं होगी। केंद्र सरकार चाहे कितनी भी ईडी सीबीआई या इनकम टैक्स भेज ले। यह काम रुकने वाला नहीं है।

राजस्थान में आज तक किसी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया गया है। हमारी इसमें कोई राजनीति की लड़ाई नहीं है। यह 13 जिलों के प्यास की लड़ाई है। रिफाइनरी का पहले शिलान्यास हो गया था केंद्र सरकार ने दोबारा किया तो 40 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट 76 हजार करोड़ तक पहुंच गया। ईआरसीपी को भी राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया तो इसकी लागत 37 हजार करोड़ से जाने कहां तक पहुंच जाएगी। इस परियोजना की डीपीआर वसुंधरा राजे की सरकार में श्री राम वेदिरे ने बनाई थी,जो आज जल संसाधन मंत्रालय में सलाहकार है।

जो काम नहीं करता, उसे निकम्मा कहते हैं:
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि मेरे निकम्मा कहने पर वह नाराज होकर बैठे हैं मैंने कुछ गलत नहीं कहा। जिस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी खुद परियोजना को लेकर बोल रहे हो और उस कार्यक्रम में मंत्री या सांसद बैठे हुए भी वह बात नहीं सुन पा रहा हूं तो उसे क्या कहेंगे। मंत्री रामलाल जाट ने निकम्मा की परिभाषा और भी बेहतर बता दी कि जो काम नहीं करता उसे निकम्मा कहते हैं। भाजपा के नेता उदयपुर घटना में सात आठ दिन के बाद पहुंचकर राजनीति कर रहे हैं। मैं तो घटना के बाद अपने जोधपुर के सारे कार्यक्रम रद्द करके अगले दिन उदयपुर पहुंचा था। सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई मंत्रियों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। इस दौरान ईआरसीपी परियोजना भीख नहीं हमारा हक है, जैसे नारे भी लगे।


13 जिलों में चलेगा हस्ताक्षर अभियान:
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इन 13 जिलों में 40 फ़ीसदी आबादी रहती है। उस आबादी के पानी और सिंचाई के लिए केंद्र सरकार क्यों अड़ंगा लगाना चाहती है। कांग्रेस इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर लगातार दबाव बनाएगी। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इआरसीपी परियोजना पर बोलते हुए भाजपा नेताओं पर जमकर निशाना साधा। वही, इस मुद्दे पर कांग्रेस का आगामी प्लान भी बताया। डोटासरा ने ऐलान किया कि कांग्रेस इस मुद्दे पर लंबी लड़ाई के लिए तैयार है। सभी 13 जिलों में जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी। सभी ब्लॉक स्तर पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जाएगा जिसमें केंद्र सरकार से राष्ट्रीय परियोजना दर्जा दिलाने की मांग की जाएगी। इन जिलों में शामिल सभी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस हस्ताक्षर अभियान चलाएगी और लोगों को इस मुद्दे से जोड़ेगी। मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, महेश जोशी और अन्य मंत्रियों ने भी राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग पर केंद्र सरकार को अपना वादा याद दिलाया।

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