अब ट्रीटमेंट के बाद ही चंबल में गिरेगा गंदे नालों का पानी

यूआईटी ने तैयार कराया 30 एमएलडी का एसटीपी , 9 माह में बनकर तैयार हुआ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

अब ट्रीटमेंट के बाद ही चंबल में गिरेगा गंदे नालों का पानी

शहर में एक ओर जहां अभी भी कई गंदे नाले चम्बल नदी में गिर रहे हैं। वहीं रिवर फ्रंट के क्षेत्र में आने वाले गंदे नाले अब नदी में नहीं गिर सकेंगे। इसके लिए नगर विकास न्यास ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया है। नदी पार बालिता में यह प्लांट करीब 9 माह में बनकर तैयार हो गया है।

कोटा । शहर में एक ओर जहां अभी भी कई गंदे नाले चम्बल नदी में गिर रहे हैं। वहीं रिवर फ्रंट के क्षेत्र में आने वाले गंदे नाले अब नदी में नहीं गिर सकेंगे। इसके लिए नगर विकास न्यास ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया है। नदी पार बालिता में यह प्लांट करीब 9 माह में बनकर तैयार हो गया है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से छोटे-बड़े करीब दो दर्जन गंदे नाले चम्बल नदी में गिर रहे हैं। उनमें से कोटा बैराज से चम्बल की रियासतकालीन पुलिया तक बनाए जा रहे चम्बल रिवर फ्रंट के बीच आने वाले नालों को ट्रीट करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है। नदी पार बालिता क्षेत्र में यह एसटीपी बनाया गया है। दिल्ली की फर्म को इसका कार्यादेश पिछले साल जून में दिया गया था। लेकिन बरसात के तीन महीने निकलने के बाद काम शुरू हुआ और 9 माह में यह प्लांट बनकर तैयार भी हो गया है।

इस तरह से करेगा काम
निर्माण कम्पनी के प्रोजेक्ट इंजीनियर रणधीर मिश्रा ने बताया कि रिवर फ्रंट के क्षेत्र में आने वाले गंदे नालों को ट्रेक किया गया है। इन नालों के पानी को ट्रेक कर रियासतकालीन पुलिया के पास बने पम्प हाउस में भेजा जाएगा। वहां से पूरा पानी  पाइपों के जरिये बालिता में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाएगा। वहां उस पानी को ट्रीट कर साफ किया जाएगा। उसके बाद वहां से फिर से शुद्ध पानी को वापस बडक बालाजी के पास से चम्बल नदी में गिराया जाएगा। जबकि ट्रीट कर निकले सोलिड वेस्ट को खाद या अन्य काम में लिया जाएगा। 

निर्माण कम्पनी दस साल तक करेगी ओ एण्ड एम
एसटीपी का निर्माण कर रही कम्पनी के  प्रोजेक्ट मैनेजर मुश्ताक अहमद ने बताया कि एसटीपी की सिविल निर्माण लागत तो 55.17 करोड़ रुपए है। जबकि  उसकी ओ एण्ड एम लागत करीब 6.73 करोड़ रुपए है। उन्होंने बताया कि ओ एम्ड एम का मतलब कम्पनी  दस साल  तक इस एसटीपी का आॅपरेशन एण्ड मैनेजमेंट भी  करेगी।करीब 62 करोड़ की लागतकरीब 62 करोड़ रुपए की लागत से यह ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया गया है। बालिता में 137 मीटर गुणा 169 मीटर क्षेत्र में यह प्लांट बनाया है। 30 एमएलडी क्षमता का यह प्लांट है। इसके लिए रियासतकालीन पुलिया के पास ही पम्पिंग स्टेशन भी बनाया गया है।

कई और भी बन रहे हैं एसटीपी
शहर में इसके अलावा नगर विकास न्यास व आरयूआईडीपी द्वारा कई अन्य एसटीपी भी बनाए जा रहे हैं। न्यास द्वारा 30 व 6 एमएलडी के एसटीपी और भी बनाए जा रहे हैं। जिनका निर्माण कार्य करीब 6 साल से चल रहा है। वह अभी तक भी पूरा नहीं हुआ है। हालांकि किशोरपुरा में बना एसटीपी काम कर रहा है। धाकड़खेड़ी में भी एसटीपी का काम चल रहा है।

इनका कहना है
बालिता में 30 एमएलडी का एसटीपी बनाया गया है। न्यास ने पिछले साल जून में कार्यादेश दिया था। बरसात के बाद काम शुरू किया। 9 माह में यह बनकर तैयार हो गया है। वर्तमान में इसका ट्रायल किया जा रहा है। यह शीघ्र ही काम करना शुरू कर देगा। इसके बनने के बाद रिवर फ्रंट में आने वाले नालों का गंदा पानी नदी में नहीं जाएगा। उस पानी को ट्रीट कर साफ पानी फिर से नदी में डाला जाएगा।
- रणधीर मिश्रा, प्रोजेक्ट इंजीनियर निर्माण कम्पनी, एसटीपी

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