ईएनटी रोगों में नई विधियों की चिकित्सकों को दी जानकारी
स्कल बेस राइड कांफ्रेंस शुरू हुई
कांफ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. ऋषभ जैन ने बताया कि कांफ्रेंस में उत्तर प्रदेश, पंजाब, ओडिशा, दिल्ली, मध्यप्रदेश और सऊदी अरब से नामचीन चिकित्सक अपने विचार आगंतुक व ईएनटी चिकित्सकों के साथ साझा कर रहे हैं।
जयपुर। ईएनटी रोगों में आई नवीनतम विधियों के प्रति जागरूता बढ़ाने के लिए सिद्धम ईएनटी हॉस्पिटल और महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल की ओर से स्कल बेस राइड कांफ्रेंस शुरू हुई। कांफ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. ऋषभ जैन ने बताया कि कांफ्रेंस में उत्तर प्रदेश, पंजाब, ओडिशा, दिल्ली, मध्यप्रदेश और सऊदी अरब से नामचीन चिकित्सक अपने विचार आगंतुक व ईएनटी चिकित्सकों के साथ साझा कर रहे हैं। पहले दिन हुए वैज्ञानिक सत्र में बैंगलुरु के प्रख्यात चिकित्सक डॉ. सम्पत चंद्र प्रसाद राव ने केडवरिक डायसेक्शन फॉर लेटरल स्कल बेस पर बताया कि न्यूनतम इनवेसिव प्रोसिजर्स आईट्रोजेनिक टिश्यू लॉसेज क्षति को कम करती हैं।
कम कॉम्पलिकेसी रेट और उच्च रोगी को संतुष्टि प्रदान करती है। उन्होंने इस प्रोसिजर को प्रेजेन्टशन्स के माध्यम से विस्तार से बताया। दूसरे वैज्ञानिक सत्र में ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ. तरुण ओझा ने बताया कि पीजीआई चंडीगढ़ से आए डॉ. रमनदीप विर्क ने सीएसएफ रेन्होरिया रिपेयर की जानकारी दी। इस बीमारी के इलाज के लिए पहले सर्जरी ही होती थी, लेकिन अब सेरिब्रो स्पाइनल फ्लूइड का रिसाव रोकने के लिए दूरबीन विधि से सफल ऑपरेशन किया जाता है। एसएमएस अस्पताल जयपुर के डॉ. मोहनीश गोयल ने एंडोस्कोपिक रेट्रोसिगमोड माइक्रोवास्कूलर डिकम्परेशन फॉर ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के बारे में बताया। इसी सत्र में एसजीपीजीआई लखनऊ से आए डॉ. रवि शंकर ने लेटरल स्कल बेस एप्रोचेज (केस बेस्ड) का प्रैक्टिल प्रेजेंटेशन दिया।
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