कायराना हरकत
कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की सख्ती के बावजूद घाटी में दूसरे राज्यों के मजदूरों की हत्याएं की जा रही हैं।
कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की सख्ती के बावजूद घाटी में दूसरे राज्यों के मजदूरों की हत्याएं की जा रही हैं। रविवार को कुलगाम के वाहनपोह इलाके में घर में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग करके आतंकवादियों ने दो बिहारी मजदूरों की हत्या कर दी। एक घायल मजदूर को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के एक दिन पहले शनिवार को भी ईदगाह इलाके में बिहार के एक रेहड़ी वाले की हत्या कर दी। पुलवामा में उत्तर प्रदेश के सगीर अहमद की हत्या कर दी गई। कश्मीर में अक्टूबर में बारह आम लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। इनमें दस गैर मुस्लिम हैं। अक्टूबर से पहले जनवरी से सितंबर तक बीस नागरिकों की हत्याएं हुई थीं। घाटी में पांच लाख बाहरी मजदूर हैं। इनमें से लगभग 90 फीसदी निर्माण का काम करते हैं। घाटी के हर जिले में ये मजदूर निवास करते हैं। अब इन मजदूरों में दहशत है, जो स्वाभाविक है। देखा जाए तो इन दिनों घाटी में गैर मुस्लिम लोग आतंकियों के निशाने पर हैं। अफगानिस्तान में तालिबानी वापसी के बाद पाकिस्तान एक सोची-समझी रणनीति के तहत ये हत्याएं करवा रहा है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि कश्मीर में अल्पसंख्यकों के साथ-साथ सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की साजिश रची गई है। इसके तहत दो सौ लोगों की एक सूची बनाई गई है। इसमें कुछ राजनीतिक दलों, हिन्दू संगठनों, कश्मीरी पण्डितों की वापसी के लिए प्रयासरत मुख्य लोगों और सेना के लिए सूचनाएं एकत्रित करने वाले लोगों के नाम शामिल हैं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में शांति लौटने लगी थी। कारोबार भी गति पकड़ने लगा और पर्यटकों का आना-जाना भी बढ़ा था। कश्मीरी लोग देश की मुख्य धारा से जुड़ने लगे थे। कश्मीर में बदल रही तस्वीर से पाकिस्तान व आतंकवादी गुट निराश थे। अब उन्होंने घाटी में फिर से शांति भंग करने की साजिश रचकर मुस्लिमों व अल्पसंख्यक हिन्दू-सिखों में दरार डालने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। आतंकवादी पाकिस्तान सरकार व कश्मीर के कुछ कट्टरपंथी गुट घाटी में कश्मीरी पण्डितों की वापसी नहीं चाहते और प्रवासी मजदूरों को भी भगाना चाहते हैं। अब घाटी में हिंसा का नया सिलसिला प्रशासन व सुरक्षा बलों की चुनौती बन गया है। आतंकियों की इस कायराना करतूतों का सख्ती से जवाब दिया जाना चाहिए। सभी को मिलजुलकर एकजुट प्रयास करने होंगे।
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