मंत्री रमेश मीणा ने उठाए सरपंचों पर सवाल, सरपंचों के दो गुटों में तनातनी
सरपंचों के दो गुट आमने-सामने
महापड़ाव स्थल पर मंत्री रमेश मीणा के समर्थन वाले गुट के सरपंचों ने मंच से भाषण देने वालों का विरोध किया और देखते ही देखते महापड़ाव में शामिल कुछ सरपंचों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई।
जयपुर। पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा ने 7 जिलों में मनरेगा के कामों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सरपंचों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। जिस पर नाराज प्रदेशभर के सरपंचों ने शुक्रवार को जयपुर में महापड़ाव डाल दिया। नाराज सरपंचों ने मंत्री रमेश मीणा के लगाए आरोपों को निराधार करार दिया और मंत्री से ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग कर डाली। हालांकि, मंत्री के इस्तीफे के मुद्दे पर सरपंचों के दो अलग-अलग दलों में सहमति नहीं बन पाई। महापड़ाव स्थल पर ही सरपंचों के दो गुट आमने-सामने हो गए और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। पुलिस को आकर बीच-बचाव करना पड़ा।
सरपंचों के दो गुट आमने-सामने
महापड़ाव का कार्यक्रम शुरू होने के कुछ ही घंटे बाद सरपंचों के दो गुट आमने-सामने हो गए। एक गुट ने 31 सूत्री मांगों में सबसे पहली मांग मंत्री के इस्तीफे की कही। महापड़ाव स्थल पर मंत्री रमेश मीणा के समर्थन वाले गुट के सरपंचों ने मंच से भाषण देने वालों का विरोध किया और देखते ही देखते महापड़ाव में शामिल कुछ सरपंचों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। हालांकि, वहां तैनात पुलिस बल ने उन्हें अलग कर मामला शांत कराया। सरपंच संघ के दोनों गुटों में काफी देर तक सहमति नहीं बनी तो दोनों गुटों के सरपंचों का प्रतिनिधिमंडल पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर वार्ता के लिए बुलाया गया। डोटासरा की दोनों खेमों के सरपंचों से विस्तार से बात हुई। डोटासरा ने दोनों की दलील सुनने के बाद आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री से वार्ता कर उनकी मांगों को लेकर स्थाई समाधान निकाला जाएगा।
हम जांच से नाराज नहीं: जानू
संघ के प्रदेश संरक्षक भंवरलाल जानू के अनुसार आंदोलनरत सरपंच मंत्री रमेश मीणा की कराई गई जांच से नाराज नहीं हैं। जांच होनी चाहिए और काम में सुधार भी होना चाहिए, लेकिन आधी-अधूरी जांच और बिना तथ्यों के सरपंचों पर जिस प्रकार के आरोप मंत्री ने लगाए हैं, उससे हम सब आहत हैं। मंत्री ने नागौर और बाड़मेर के सभी सरपंचों पर ही घोटालों के आरोप लगाए, जिससे सभी ग्राम पंचायतों का बहिष्कार किया जा रहा है। वही दूसरे खेमे के सरपंचों ने कहा कि हम मंत्री के इस्तीफे की मांग को छोड़कर सभी मांगो के समर्थन में है। मंत्री ने विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया है और लंबे समय बाद गांव को भ्रष्टाचार मुक्त करने की दिशा में बेहतर काम किया गया है। पूर्वी राजस्थान से आए सरपंचों ने कहा कि महापड़ाव से पहले हमें मंत्री के इस्तीफे की मांग के बारे में नहीं बताया गया, इसलिए हमने आज यहां विरोध जताया है।
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