बाजरे की फसल में सफेद लट और फड़का कीट का प्रकोप

कृषि पर्यवेक्षकों को आवेदन दे सकते है।

बाजरे की फसल में सफेद लट और फड़का कीट का प्रकोप

कृषि पर्यवेक्षक सुरेश यादव, सोहन भुरण्डा, विक्रम चनेजा, रामप्रताप यादव, प्रेम किशोर नागर ने इन ग्राम पंचायतों का दौर कर बाजरा, मूंगफली फसल में सफे द लट एवं फ डका कीट के बढ़ते प्रकोप का जायजा लिया।

प्रागपुरा। ग्राम पंचायत टसकोला, टोरडा गुजरान, बुचारा, पंडितपुरा, भौनावास, द्वारिकपुरा व दांतिल में बाजरा फसल में सफेद लट एवं फडका कीट का प्रकोप देखने को मिला। कृषि पर्यवेक्षक सुरेश यादव, सोहन भुरण्डा, विक्रम चनेजा, रामप्रताप यादव, प्रेम किशोर नागर ने इन ग्राम पंचायतों का दौर कर बाजरा, मूंगफ ली फसल में सफेद लट एवं फडका कीट के बढ़ते प्रकोप का जायजा लिया। कृषि अधिकारियों ने बताया कि सफे द लट व कीट के नियंत्रण के लिए क्यूनालफॉस 25 ई.सी. की 4 लीटर मात्रा या इमिठाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. की 300 मिली मात्रा को 80-100 किलोबजरी में मिलाकर प्रति हैक्टयर की दर से भूमि में देवे। वहीं फ ड़का कीट नियंत्रण हेतु किसान क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत या मैलाशियान 5 प्रतिशत चूर्ण25 किलो या डेल्टामेथ्रिन 2.8 प्रतिशत ई सी की 625 मिली मात्रा प्रति हैक्टयर की दर पर देवे। सहायक कृषि अधिकारी टसकोला सोहनलाल सैनी ने बताया कि कि अधिकृत विक्रय केन्द्रो से पौथ संरक्षण रसायन क्रय करने पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 500 रुपए प्रति हैक्टयर जो भी कम हो अनुदान देय है। प्रति कृषक अधिकतम 2 हैक्टयर तक अनुदान प्राप्त कर सकते है। सैनी ने बताया कि किसान फ डका कीट नियंत्रण हेतु अनुदान पर आदान प्राप्त करने हेतु संबंधित कृषि पर्यवेक्षकों को आवेदन दे सकते है।

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