पूर्ववर्ती गहलोत सरकार का बड़ा प्रोजेक्ट अटका, पैसों के अभाव में आगे नहीं बढ़ पा रहा काम
रिपोर्ट पर सरकार को लेना है फैसला
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार का जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल परिसर में 24 मंजिला आईपीडी टावर प्रोजेक्ट पैसों के अभाव में अटक गया है।
जयपुर। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार का जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल परिसर में 24 मंजिला आईपीडी टावर प्रोजेक्ट पैसों के अभाव में अटक गया है। टावर को 24 मंजिला पूरा करने के लिए 100 करोड़ की दरकार है। इसके लिए जेडीए ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज से राशि मांगी थी, जो पिछले वर्ष नवंबर में प्रस्ताव भेजा गया था। अब तक जेडीए को यह राशि नहीं मिल पाई है। मेडिकल कॉलेज पर पहले के 50 करोड़ भी बकाया है। इस प्रकार मेडिकल कॉलेज को प्रोजेक्ट के लिए करीब 150 करोड़ रुपए देने है। आवासन मंडल से भी पहले के 173 करोड़ रुपए बकाया है। हालांकि मंडल ने जल्द राशि देने का भरोसा दिया है।
रिपोर्ट पर सरकार को लेना है फैसला
आईपीडी टावर की सबसे ऊपरी मंजिल पर हेलीपैड बनना प्रस्तावित है, जहां से मरीजों को एयर लिफ्ट किया जा सकेगा। नई सरकार ने जेडीए के अधिकारियों, इंजीनियर्स और एक्सपर्ट से राय लेकर इस आईपीडी टावर की उपयोगिता की रिपोर्ट तैयार करवाई है, जिस पर अभी फैसला बाकी है। ऐसे में 24 मंजिला आईपीडी टावर 15 मंजिल पर ही अटक सकता है।
बिना जरूरत के खड़ा किया जा रहा आईपीडी टावर
मौजूदा सरकार ने जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों, इंजीनियर्स के साथ डॉक्टरों से आईपीडी टावर के बारे में राय ली है। अधिकांश का कहना है कि यह आईपीडी टावर लक्ष्य तय किए बगैर ही बनाया जा रहा है। एक्सीडेंटल केस के लिए एसएमएस के पास अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त ट्रोमा सेंटर बनाया जा चुका है। उसके बगल में सुपर स्पेशलिटी विंग की अलग इमारत है, जिसमें गेस्ट्रो, नेफ्रो और यूरोलोजी संबंधित विभाग की बेहतरीन सेवाएं उपलब्ध है। आई और स्किन डिजीज के लिए पहले से अलग विंग बनी हुई है। नए बनाए जा रहे आईपीडी टावर में क्या क्या होगा, यह तय नहीं किया गया है। इतना बड़ा आईपीडी टावर बनाया जा रहा है और इसमें पार्किंग का स्पेस ही नहीं रखा गया।
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