आरतिया की बैठक में रेपो दर में 1.40 प्रतिशत की वृद्धि पर की चर्चा
उद्योग जगत को भारी परेशानी होगी
आरतिया के मुख्य सलाहकार कमल कन्दोई ने बताया कि आरबीआई द्वारा बढ़ती हुई महंगाई को रोकने के उद्देष्य से गत 3 माह में रेपो रेट में 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी, जिससे कोरोना की मार से धीरे-धीरे बाहर आ रहे व्यापार व उद्योग जगत को दोबारा परेशानी का सामना करना पड़ेगा और उन्होंने जो व्यापार व अन्य आवश्यकताओं के लिए लोन लिया है।
जयपुर। अखिल ट्रेड एण्ड इण्डस्ट्री एसोसिएशन (आरतिया) ने बताया गया कि आरतिया की वित्त समिति की एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें रिजर्व बैंक द्वारा गत 3 माह में रेपो दर में 1.40 प्रतिशत की वृद्धि पर चर्चा की गई तथा चर्चा की गई कि इससे प्रदेश के व्यापार व उद्योग जगत को भारी परेशानी होगी। आरतिया के मुख्य सलाहकार कमल कन्दोई ने बताया कि आरबीआई द्वारा बढ़ती हुई महंगाई को रोकने के उद्देष्य से गत 3 माह में रेपो रेट में 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी, जिससे कोरोना की मार से धीरे-धीरे बाहर आ रहे व्यापार व उद्योग जगत को दोबारा परेशानी का सामना करना पड़ेगा और उन्होंने जो व्यापार व अन्य आवश्यकताओं के लिए लोन लिया है। उसके ब्याज की राशि में भारी वृद्धि हो जाएगी, जिसका असर उसकी उत्पादन लागत पर पड़ेगा। इसके साथ ही उत्पाद की लागत बढ़ने से वैश्विक बाजार में उस उत्पाद की उपयोग में कमी आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि आरबीआई द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए गत 2 वर्षो से दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था, लेकिन आरबीआई द्वारा रेपो दरों में वृद्धि करने से व्यापार व उद्योग जगत पर आर्थिक संकट मंडराने लगा है, जो व्यवसायी बैंकों के माध्यम से लोन लेकर अपना व्यापार चला रहे थे। उन्हें भारी जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही आम आदमी पर भी महंगाई की मार पड़ेगी।
आरतिया के कार्यकारी अध्यक्ष बियानी ने बताया कि गत 3 माह में की गई वृद्धि से होम लोन, ऑटो लोन और व्यापारिक लोन सहित सभी तरह के लोन की दरों में वृद्धि हो गई, जिसका असर बाजार पर दिखने लगा था। इसके साथ ही दोबारा वृद्धि होने से इसका असर बड़ा होगा, जब लोन महंगे कर्ज के दर से मकानों की बिक्री प्रभावित होगी, जिसका असर सभी को आवास की केन्द्र सरकार की योजना पर विपरीत रूप से पड़ेगा, जिससे मकान निर्माण क्षेत्र से जुड़े व्यापारी, कर्मचारी एवं श्रमिकों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। आरबीआई द्वारा मुद्रास्फिती में सुधार के लिए रेपो रेट को बढ़ाया गया है, लेकिन वर्तमान में इसका विपरित असर पड़ रहा है तथा लोगों को प्रतिमाह ईएमआई व ब्याज के रूप ज्यादा रुपए देने पड़ रहे है। इस संदर्भ में आरबीआई गर्वनर को पत्र लिखकर उनसे महंगाई को रोकने के लिए अन्य कोई वैकल्पिक रास्ता निकालने का निवेदन किया गया है, जिससे व्यापार व उद्योग जगत के साथ-साथ आमजन को भी राहत मिल सके।
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