अब राजपत्रित अधिकारी माह में दो बार स्कूल जाकर खुद बच्चों को पढ़ाएंगे
क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित करने का उद्देश्य : स्कूली शिक्षा के हालात और शिक्षा के स्तर से अधिकारी हो सकेंगे रूबरू
सभी तरह की सुविधाएं मिलने के बाद भी सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिलने के मुद्दे को नवज्योति ने खबरों की सिरीज के रूप में 28 जुलाई से 2 अगस्त तक समाचार प्रकाशित कर प्रमुखता से उठाया था। शिक्षण सामग्री, यूनिफार्म, मिड डे मील, के साथ सरकार की ओर से कई मुफ्त सुविधाएं देने के बाद भी छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिलने के मामले को लेकर संभागीय आयुक्त दीपक नंदी ने राज पत्रित अधिकारियों को आदेश जारी कर अपने क्षेत्राधिकार के स्कूलों में माह में दो बार एक एक कालांश में अध्यापन कराने के निर्देश दिए हैं।
कोटा । शिक्षण सामग्री, यूनिफार्म, मिड डे मील, के साथ सरकार की ओर से कई मुफ्त सुविधाएं देने के बाद भी छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिलने के मामले को लेकर संभागीय आयुक्त दीपक नंदी ने राज पत्रित अधिकारियों को आदेश जारी कर अपने क्षेत्राधिकार के स्कूलों में माह में दो बार एक एक कालांश में अध्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। संभाग में राजकीय विद्यालयों की शिक्षण एवं संचालन व्यवस्था के साथ-साथ विद्यार्थियों को मार्गदर्शन एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सभी विभागों में पदस्थापित राजपत्रित अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार में राजकीय विद्यालयों में माह में दो बार एक-एक कालांश में अध्यापन कराएंगे। संभागीय आयुक्त दीपक नन्दी ने बताया कि संभाग में राजकीय विद्यालयों की शिक्षण एवं संचालन व्यवस्था के साथ-साथ विद्यार्थियों को मार्गदर्शन एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राजकीय एवं अधीनस्थ सेवा के साथ-साथ अन्य राजकीय सेवाओं के सभी विभागों में पदस्थापित राजपत्रित अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार के किसी भी राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में माह में दो बार एक-एक कालांश में किसी भी विषय जो पाठ्यक्रम में सम्मिलित हो उसका अध्यापन कराना सुनिश्चित करेंगे।
सभी तरह की सुविधाएं मिलने के बाद भी सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिलने के मुद्दे को नवज्योति ने खबरों की सिरीज के रूप में 28 जुलाई से 2 अगस्त तक समाचार प्रकाशित कर प्रमुखता से उठाया था। इसमें विषय विशेषज्ञों की राय के साथ प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों के हालात प्रमुखता से बताए गए थे। सिरीज के बाद ही संभागीय आयुक्त ने स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन मिले इसके प्रयास किए हैं। संभागीय आयुक्त के इस निर्णय से सरकारी स्कूलों के हालात को राजपत्रित अधिकारी जाकर देख व समझ सकेंगे। इसके साथ स्कूलों में जाकर जब वह खुद पढ़ाएंगे तो उन्हें छात्रों को मिल रहे शिक्षा के स्तर का भी पता चल सकेगा। इसके बाद संभवत: शिक्षा के स्तर और हालात में सुधार आएगा।
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