महंगाई दर में बढ़ोतरी
हंगाई दर 7 फीसदी के आंकड़े पर पहुंच गई है
रिजर्व बैंक ने माना है कि अगर महंगाई 4 से 6 फीसदी के बीच बनी रहती है, तो आर्थिक विकास दर में संतोषजनक बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है।
खाद्य पदार्थो और सब्जियों, दूध, फल व मसालों के महंगा होने से देश में खुदरा महंगाई दर 7 फीसदी के आंकड़े पर पहुंच गई है। खुदरा महंगाई दर में गिरावट देखी जा रही थी, जो अब फिर बढ़ने की ओर है। रिजर्व बैंक ने माना है कि अगर महंगाई 4 से 6 फीसदी के बीच बनी रहती है, तो आर्थिक विकास दर में संतोषजनक बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है। इसके अलावा औद्योगिक उत्पादन दर भी निराशाजनक दर्ज हुई है। विनिर्माण, खनन, बिजली आदि में काफी खराब प्रदर्शन देखा गया है। इस तरह औद्योगिक विकास दर पिछले 4 महीनों के सबसे निचले स्तर 2.4 फीसदी पर पहुंच गई है। महंगाई की चुनौती, उत्पादन और खपत दोनों मोर्चों पर शिथिलता सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय है। कुछ दिनों पहले चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर का जो आंकड़ा आया, तो उद्योग जगत में आशा की उम्मीद थी।
सरकार ने भी दावा किया था कि भारत जल्द ही आर्थिक मंदी के दौर से बाहर निकल आएगा। विकास दर को लेकर कई आर्थिक विशेषज्ञों ने आगाह किया था कि सरकार को महंगाई पर नियंत्रण करने और लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने के उपायों पर कुछ लागू करने चाहिए। हालात संकटपूर्ण होने के बावजूद वित्त मंत्री का कहना है कि महंगाई को लेकर चिंता करने की जरूरत है। अब सरकार का ध्यान नए रोजगार सृजित करने पर है। यदि सरकार की वित्त मंत्री बढ़ती महंगाई व कम होते उत्पादन को लेकर गंभीर नहीं है, तो हालात खराब ही बने रहेंगे। लोग महंगाई से त्रस्त है। विशेषकर मध्यम वर्ग का संकट बड़ा बन गया है।
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