कांग्रेस को झटका
कांग्रेस छोड आठों विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की
गोवा में 2019 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी के दस विधायक चुनकर आए थे और यही विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इसका पार्टी क विश्वसनीयता पर गहरा प्रभाव पड़ा।
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के बीच् ही गोवा में कांग्रेस विधायक दल के आठ विधायकों ने पाला बदलकर पार्टी को तगड़ा झटका देने का काम किया है। गोवा में कांग्रेस के कुल ग्यारह विधायक हैं। कांग्रेस छोडने वाले आठों विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। गोवा में भाजपा की सरकार है। आज की राजनीति में किसी दल को तोड़ने की रणनीति चकित नहीं करती। आजकल ऐसे दलबदल के लिए कभी प्रलोभन, तो कभी भयादोहन को जिम्मेदार माना जाता है। विपक्षी दल सत्तारूढ़ दल, विशेषकर केन्द्र की भाजपा सरकार पर विधायकों को धमकाने के आरोप लगाए जाते हैं। लेकिन सवाल है कि ऐसा बार-बार कांग्रेस के अंदर ही क्यों होता है? पार्टी नेतृत्व को इस पर गम्भीर चिंतन करना चाहिए। नेतृत्व को सोचना चाहिए कि क्या पार्टी का वैचारिक आधार कमजोर पड़ता जा रहा है? अब इसमें कोई दो राय नहीं कि गोवा में कांग्रेस के लिए इस झटके से उबरना आसान नहीं होगा। पिछले जुलाई माह में कांग्रेस ने खुद आरोप लगाया था कि भाजपा पार्टी के आठ विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस का दावा है तब उसने भाजपा के प्रयासों को नाकाम कर दिया था। फिर कांग्रेस नेतृत्व की कहां कमी रही कि आठ विधायक टूट कर भाजपा में चले गए? जाहिर है कि पार्टी नेतृत्व इस मामले को लेकर सतर्क नहीं रहा या फिर उसने विधायकों को रोकने के गंभीर प्रयास नहीं किए? गौरतलब यह भी गोवा में कांग्रेस के टूटने की यह कोई पहली घटना नहीं है।
गोवा में 2019 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी के दस विधायक चुनकर आए थे और यही विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इसका पार्टी क विश्वसनीयता पर गहरा प्रभाव पड़ा। इस साल के चुनाव में चुनाव प्रचार में विरोधियों ने यह कहना शुरू कर दिया कि कांग्रेस को वोट डालने का कोई लाभ नहीं है। इसके विधायक तो अन्य किसी दल में चले जाएंगे। गोवा की चालीस सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 20 सदस्य थे। हालांकि महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी के दो और तीन निर्दलीयों के साथ सरकार बहुमत के साथ आराम से चल रही थी, लेकिन अब कांग्रेस के आठ विधायकों के जुड़ने से सरकार काफी मजबूत स्थिति में आ गई है। गोवा ही नहीं बल्कि अन्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा सही है, लेकिन इसका राजनीतिक लाभ या प्रभाव तभी देखने को मिलेगा जब पार्टी एकजुट हो।
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