बलिदान के अपमान पर फूटा गुस्सा : चौतरफा मांग ‘कंगना को गिरफ्तार करो, पद्मश्री वापस लो’

बलिदान के अपमान पर फूटा गुस्सा :  चौतरफा मांग ‘कंगना को गिरफ्तार करो, पद्मश्री वापस लो’

फिल्म अभिनेत्री के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन

फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के आजादी पर दिए बयान को लेकर स्वतंत्रता सेनानियों, कांग्रेस, एनसीपी समेत कई राजनीतिक पार्टियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं में गुस्सा है। सभी का कहना है कि कंगना का यह बयान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान का अपमान है। लोगों ने मांग की है कि उससे पद्मश्री सम्मान वापस लेकर उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानी भी आग बबूला
कड़ी से कड़ी सजा मिले : रामेश्वर चौधरी
जयपुर। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के विवादित बयान को लेकर प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानी भी आग बबूला है। उन्होंने कंगना के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ के पा बाय गांव में निवास कर रहे स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर चौधरी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान का अपमान करने वाली कंगना रनौत से पद्मश्री वापस लेकर उसे कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। करीब 103 वर्षीय चौधरी ने कहा कि हम जानते हैं आजादी कैसे मिली है। अंग्रेजों ने कैसे-कैसे जुल्म ढहाए है। लम्बे संघर्ष के बाद आजादी मिली है। दिन-रात हमारे पीछे अंग्रेज पुलिस लगी रहती थी। जानवरों की घोर में छिपकर रहते थे। हम लो मौसम तक की परवाह नहीं करते थे। सर्दी, गरमी और बरसात में भी देश की आजादी के लिए काम करते थे। आज भी मैं आजादी के लिए संषर्घ के उन दिनों को याद करता हंू तो रूह कांप जाती है। स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर कंगना रनौत कहती है कि असली आजादी तो 2014 में मिली है। उसे यह पता नहीं कि 1947 में आजादी नहीं मिलती तो जिनकी वह तारीफ कर रही है, आज ये लोग बोलने लायक नहीं रहते। स्वतंत्रता सेनानियों का इस तरह अपमान करने वाली कंगना रनौत को माफ नहीं किया जाना चाहिए। उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। दरअसल कंगना रनौत ने गत दिवस एक कार्यक्रम में 1947 में मिली आजादी और हिंसा का जिक्र करते हुए कहा था कि वो आजादी नहीं थी, बल्कि भीख थी। कंगना इतने पर ही नहीं रुकीं, उन्होंने आगे कहा कि जो आजादी मिली है, वह 2014 में मिली है।

बुनियादी सवालों से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के जुमले उछाले गए हैं। यह अभिनेत्री हैं जो इस तरह का अभिनय कर रही हैं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कंगना का बयान देश के शहीदों का अपमान है। उन्हें पता ही नहीं कितने लोगों ने देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राण दिए हैं।-निशा सिद्दू, वरिष्ठ नेता सीपीआई, जयपुर

कंगना का बयान स्वतंत्रता आन्दोलन का अपमान है। महात्मा गांधी, भगतसिंह, राजगुरु सहित हजारों स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। इस बयान की खोज नागपुर यूनिवसिर्टी से हुई है। कगना ने यह कहकर पदमश्री का अपमान किया है, इस तरह के लोगों को पदमश्री नहीं दिया जाना चाहिए। सरकार को इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। -नरेन्द्र आचार्य, सचिव, सीपीआई, राजस्थान

ंकंगना ने देश के इतिहास को नहीं पढ़ा है। उसे यह पता नहीं है कि कितने ही लोगों ने देश को आजाद कराने में अपने प्राणों की आहूति दी है। इस तरह की अभिनेत्री के खिलाफ देशद्रोह में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए। -डॉ. गौरव शर्मा, लेखक

आजादी को लेकर दिया था विवादित बयान
कंगना के खिलाफ  प्रदेश के कई जिलों में शिकायत दर्ज
 देश की आजादी को लेकर विवादित बयान देने पर बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट के खिलाफ प्रदेश के चार जिलों जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और चूरू में शिकायत दर्ज कराई गई है। रनोट के खिलाफ जयपुर के कोतवाली और जोधपुर के शास्त्रीनगर, उदयपुर के सुखेर और चूरू के कोतवाली थाने में शिकायत दी है।

कंगना रनौत मामला
जयपुर में शहर महिला कांग्रेस ने कोतवाली थाने में रनोत के खिलाफ  दी शिकायत में लिखा है कि रनौत ने आजादी के लिए शहीद हुए क्रांतिकारियों की प्रतिष्ठा का अपमान करने, संविधान के प्रति आस्था रखने वालों को आहत किया है। महिला मोर्चा की अध्यक्ष रानी लुबाना ने शिकायत में बताया कि 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ और उस आजादी के लिए हजारों लोगों ने अपना बलिदान दिया। वो क्षण प्रत्येक आजाद भारतीय के लिए गौरवान्वित क्षण था। पूरी दुनिया ने भारत की आजादी देखी और शहीदों को आज भी सम्मान की नजर से देखता है। गौरतलब है कि अभिनेत्री कंगना रानावत ने सार्वजनिक मंच  से बयान दिया था कि 1947 में भारत को आजादी मिली थी, वह आजादी नहीं भीख थी। असल में भारत को आजादी 2014 में मिली है।

लहू की फुहारों से मिली आजादी का अपमान: पाण्डे
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे ने कंगना के बयान पर विरोध जताते हुए कहा कि अभिनेत्री ने लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार किया है। लहू की फुहारों से मिली आजादी का अपमान किया है। ऐसे में उन पर उचित कार्रवाई की जाए और पद्मश्री वापस लिया जाए। प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष रेहाना रियाज ने बताया कि राजस्थान के सभी जिलों में कंगना के खिलाफ पदाधिकारियों ने एफआईआर दर्ज कराई है।

कंगना रनौत का बयान महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, और सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का ही नहीं, बल्कि सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान का भी अपमान है। सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। माननीय राष्टÑपति को कंगना से तत्काल पद्म सम्मान वापस लेना चाहिए। -आनंद शर्मा, कांग्रेस नेता

मैं अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान की कड़ी निंदा करता हूं। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। केंद्र सरकार को कंगना से पद्मश्री वापस लेकर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए। -नवाब मलिक, एनसीपी नेता

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