थाना परिसर में आत्मदाह का मामला: कड़ी सुरक्षा के बीच राधेश्याम मीणा का अंतिम संस्कार

जिला प्रशासन की मृतक की पत्नी के साथ चली दो घंटे वार्ता -कलेक्टर बोले: मृतक की पत्नी को संविदा पर अस्थायी नौकरी व राज्य सरकार की योजनाओं में मिलने वाले लाभ देने पर बनी सहमति

थाना परिसर में आत्मदाह का मामला: कड़ी सुरक्षा के बीच राधेश्याम मीणा का अंतिम संस्कार

जिला कलकटर ओ पी बुनकर ने बताया कि मृतक के शव के कोटा पहुंचने के बाद उनके घर गए । जहां परिजनों ने मृतक राधेश्याम मीणा के आश्रितों को 60 लाख रुपए की आर्थिक मदद तथा एक सदस्य को सरकारी नौकरी और राज्य सरकार की योजनाओं में लाभ दिलाने की मांग की गई थी। इस पर उन्हें समझाइश की गई थी, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे।

कोटा। पुलिस की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर नयापुरा थाना परिसर में आत्मदाह करने वाले राधेश्याम मीणा का बुधवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में गावड़ी स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दिया गया। राधेश्याम मीणा का दिल्ली से सुबह छह बजे शव कोटा पहुंचा था। इससे पूर्व जिला और पुलिस प्रशासन ने थाने से लेकर उसके घर व मुक्तिधाम तक कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए। मुक्तिधाम व घर के बाहर एक एडिशनल एसपी, दो डीएसपी तथा चार थानाधिकारी और एटीएस के जवान व अतिरिक्त पुलिस को तैनात किया गया था। इस दौरान आवागमन का रास्ता भी बंद कर दिया गया। मामले को लेकर पुलिस व जिला प्रशासन और मृतक की पत्नी तथा उसके सहयोगियों के बीच कलेक्ट्रेट में करीब दो घंटे वार्ता हुई और उनके बीच आम सहमति बनी और अंतिम संस्कार के लिए परिजन राजी हो गए तथा मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

पत्नी को मीडिया से रखा दूर 
जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने मृतक राधेश्याम मीणा की पत्नी को मीडिया से दूर रखा। पुलिस जवानों ने उससे मिलने नहीं दिया। पत्नी को कड़ी सुरक्षा में ही घर पर ले जाया गया। मृतक के परिवार व मोहल्ले में चारों तरफ गमगीन माहौल रहा।  

सीएम रिलीफ फंड से अधिक से अधिक मदद मिलेगी: कलक्टर
जिला कलकटर ओ पी बुनकर ने बताया कि मृतक के शव के कोटा पहुंचने के बाद उनके घर गए। जहां परिजनों ने मृतक राधेश्याम मीणा के आश्रितों को 60 लाख रुपए की आर्थिक मदद तथा एक सदस्य को सरकारी नौकरी और राज्य सरकार की योजनाओं में लाभ दिलाने की मांग की गई थी। इस पर उन्हें समझाइश की गई थी, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मृतक की पत्नी व परिजनों को कलेक्ट्रेट बुलाया। उसके बाद स्वयं उन्हें समझाया तथा उन्हें राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में लाभ और सीएम रिलीफ फंड से जल्द अधिक से अधिक आर्थिक मदद, बच्चों को पालनहार योजना, पत्नी को विधवा पेंशन, बच्चों की फ्री शिक्षा और आवासीय विद्यालय में प्रवेश सहित अन्य सरकारी योजनाओं में लाभ दिलाने का अश्वासन दिया गया। उन्होंने बताया दो भामाशाहों ने भी उसकी मदद के लिए कहा है। फिर भी जिला प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद की जाएगी। मृतक की पत्नी जब चाहे तब आकर अस्थाई नौकरी ले सकती है। मामले में अनुसंधान किया जा रहा है। पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले में और धाराएं जोड़ दी जाएंगी। राधेश्याम के मरने से पूर्व बयान कर लिए गए थे। अब इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है।
 
क्या था मामला 
उल्लेखनीय है कि पुलिस की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर राधेश्याम मीणा ने थाना परिसर में पहुंचकर स्वयं को आग लगा ली थी। जिससे पुलिस प्रशासन में हड़कंप भी मच गया था। पुलिस जवानों ने आनन-फानन में उस पर कंबल व दरी डालकर आग को बुझाया था। इसके बाद उसे एमबीएस ले जाया गया। जहां से गुरुवार को ही हालत गंभीर होने पर जयपुर रैफर किया गया। इसके बाद राधेश्याम को दिल्ली रेफर किया गया था। जिसकी मंगलवार को मौत हो गई। पीड़ित राधेश्याम पार्षद हरिओम सुमन द्वारा आए दिन मारपीट तथा  धमकाने से परेशान चल रहा था। पीड़ित ने पुलिस थाना नयापुरा में आरोपी के खिलाफ सात सितंबर को ही शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था और उसे पार्षद धमकियां  दे रहा था। पुलिस द्वारा राहत न मिलने पर राधेश्याम ने थाने में आत्मदाह कर लिया था।

Tags: Suicide

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