चेन स्नैचरों का आतंक : कोरोना के कारण 2020 में थमी घटनाएं, वर्ष 2021 में फिर बढ़ी
32 स्नैचर जेल में, फिर भी नहीं थमीं वारदातें : 32 में से 17 स्नैचर जयपुर के, शेष अन्य जिलों के
जयपुर। छह साल से जेल में बंद 32 स्नैचरों के बाद भी जयपुर शहर में चेन स्नैचिंग की वारदात नहीं थम रही हैं। बदमाश कोरोना काल में भी चेन तोड़ने से बाज नहीं आए। यह खुलासा पुलिस कमिश्नेरट की एक जनवरी से 30 सितंबर तक की जारी रिपोर्ट में हुआ है। वर्ष 2020 में कोरोना के कारण चेन स्नैचिंग की वारदातों में कमी आई, लेकिन 2021 में पूरी तरह से लॉकडाउन नहीं लगने के कारण स्नैचिंग की वारदाते बढ़ गई। हालांकि साल 2019 में हुई चेन स्नैचिंग की वारदतों को देखा जाए तो इन दो वर्षों में काफी कम संख्या में महिलाओं की चेन टूटी है।
बाहरी बदमाशों का भी रहा शहर तांडव
जयपुर में सबसे सक्रिय यूपी के सामली झिझांणा निवासी रामचन्द्र ने एक ही दिन में पांच चेन तोड़ी थी। इसके अलावा दिल्ली के नगेन्द्र ने बड़ी संख्या में वारदातें की। जब पुलिस ने खुलासा किया तो इससे 100 चेन बरामद की। वहीं भीलवाड़ा के जितेन्द्र, धौलपुर के बंशी, यूपी के झिझांणा निवासी सतीश, असम के सोनीपत निवासी अरशद अहमद ने भी चेने तोड़ी।
गुलाबी नगरी में इन्होंने की घटनाएं
जयपुर उत्तर जिला: इब्राहिम, इमरान, नरेश रोगानी, मंगल शर्मा, वसीम, शाहरूख और इमरान उर्फ पिसी।
जयपुर साउथ जिला: अर्जुन गुर्जर, चांदिका और लखन।
जयपुर पूर्व जिला: अशोक छाबड़ा, राकेश खटीक और रामलाल।
जयपुर पश्चिम जिला: के नवीन कुमार सोनी, राजकुमार लखेरा और कमरूद्दीन
जयपुर ग्रामीण: दीपक बावरिया, सोहेल समेत नागौर के मुकेश कुमार, झुंझुनूं के विनोद लांबा, कोटा के संजय सोनी, अलवर सुशांत खंडेलवाल, मेघराज, नवीन नैनावत, रोहित सैनी और विनोद ने जयपुर जिले में चेन तोड़ी और सभी जेल में हैं।
जयपुर शहर के चार जिले (पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण)
वर्ष स्नैचिंग चालान पेश झूठे मामले
नहीं लगा पता
2019 192 55 11 126
2020 77 39 04 34
2021 93 09 - 32
नोट: 52 मामले अभी पेडिंग है।
चेन स्नैचर गैंग पर पुलिस लगातार निगरानी रखे हुए है। 32 बदमाश जेल में बंद हैं। नए पनपे गिरोह का पता लगाकर उनपर भी कार्रवाई करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हाल में चेन स्नैचरों के 55 ठिकानों पर दबिश दी थी।
-अजय पाल लाम्बा, एडिशनल कमिश्नर जयपुर प्रथम
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