PM मोदी के "मन की बात" : सत्ता नहीं सिर्फ सेवा में रहना चाहता हूँ

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आयुष्मान भारत के लाभार्थियों से मिल कर मोदी ने जताई खुशी

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह सत्ता में नहीं बल्कि सिर्फ लोगों की सेवा में रहना चाहते हैं। मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में आज आयुष्माण भारत योजना के एक लाभार्थी से बात करते हुए इसके फायदे पूछे। लाभार्थी ने कहा कि मुझे बहुत फायदा हुआ मैं आपको हमेशा सत्ता में देखना चाहता हूं। इस पर मोदी ने कहा कि आप मुझे सत्ता में रहने की शुभकामनाएं मत दीजिए, मैं आज भी सत्ता में नहीं हूँ और भविष्य में भी सत्ता में जाना नहीं चाहता हूँ। मैं सिर्फ सेवा में रहना चाहता हूँ, मेरे लिए ये पद, ये प्रधानमंत्री सारी चीजें ये सत्ता के लिए है ही नहीं, सेवा के लिए है।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना गरीबों की भलाई के लिए ही है। उन्होंने लाभार्थी से बात करते हुए कहा कि अपने आस पास के लोगों को कहिये कि वे भी आयुष्मान भारत का कार्ड बनवा लें ताकि परिवार में पता नहीं कब क्या मुसीबत आ जाये और आज गरीब दवाई के कारण परेशान रहे यह तो ठीक नहीं है। अब पैसों के कारण वो दवाई न ले या बीमारी का उपाय न करें तो ये भी बड़ी चिंता का विषय है।


आयुष्मान भारत के लाभार्थियों से मिल कर मोदी ने जताई खुशी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए बहुत बड़ा सहारा बन गई है और इसके लाभार्थियों से जब वह बातें करते हैं तो उन्हें अलग तरह की खुशी का एहसास होता है। मोदी ने रविवार को रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात की 83 वीं कड़ी में कहा कि सरकार की जनहित की योजनाओं का लाभ जब लोगों को मिलता है और उनके जीवन में सुख का अनुभव होता है तो उन्हें इसकी बहुत प्रसन्नता होती है और अलग तरह के सुख का एहसास होता है।

उन्होंने इस योजना के लाभार्थी राजेश प्रजापति से बात की जिन्होंने बताया कि यदि उनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं होता तो वह शायद इलाज के अभाव में बच नहीं पाते। उनका कहना था कि उनके हृदय रोग का ऑपरेशन होना था और इलाज का खर्च बहुत अधिक था। जब डॉक्टरों ने बताया कि इस कार्ड के कारण उनका इलाज मुफ्त में होगा तो बहुत खुश हुए।

 मोदी ने इस दौरान  घुटनों की समस्या से परेशान सुखदेवी से बात की जिन्होंने  मोदी को बताया ''मै सुखदेवी दानदपरा मथुरा से हूं। मेरा घुटना खराब हो गया था लेकिन मैंने इस कार्ड के जरिए प्रयाग हॉस्पिटल में  घुटने का आपरेशन कराया है।  मेरी उम्र 40 साल है और यह बीमारी मुझे 15-16 साल से ही लग गई। वो गठिया- बाय बोलते हैं हर जगह इलाज कराया  लेकिन कहीं से कोई भी फायदा नहीं हुआ। मैंने आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाया है। स्कूल में मीङ्क्षटग हो रही थी। वहाँ से हमारे पति को पता चला तो कार्ड बनवाया मेरे नाम से। फिर इलाज करवाया कार्ड से, और मैंने कोई पैसा नहीं लगाया। कार्ड से ही इलाज हुआ है मेरा। खूब बढिय़ा इलाज हुआ है।"

 मोदी ने पूछा कि अगर कार्ड नहीं होता तो डॉक्टर ने कितना खर्चा बताया था तो सुखदेवी ने कहा  '' ढाई लाख रुपए, तीन लाख रुपए। पहले मुझसे उठा-बैठा नहीं जाता था पर अब मैं खूब घूमती  फिरती हूँ। किचन का काम भी करती हूँ। घर का काम करती हूँ। बच्चों को खाना बनाकर देती हूँ। बहुत-बहुत धन्यवाद आपकी योजना की वजह से ठीक हो गई, अपने पैरों पर खड़ी हो गई।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन में सबसे बड़ा सुख स्वास्थ्य ही होता है, ये सुखी जीवन सबको मिले यही आयुष्मान भारत की भावना है।

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