विश्व की पहली तिरछी पक्षीशाला का हो रहा ऑक्सीजोन में निर्माण

पक्षी शाला में देशी व विदेशी 200 पक्षियों को देखने का मिलेगा मौका

विश्व की पहली तिरछी पक्षीशाला का हो रहा ऑक्सीजोन में निर्माण

न्यासअधिकायिों के अनुसार 30 डिग्री तिरछी पक्षीशाला विश्व में कहीं भी नहीं है। इससे अधिक ऊंचाई वाली पक्षीशाला तो हो सकती हैं लेकिन तिरछी होने से इसकी विशेष महत्ता है। इस पक्षी शाला में जो रैम्प बनाई जा रही है। उस रैम्प से होकर दर्शक व पर्यटक पक्षियों के बीच तक जा सकेंगे।

कोटा। आईएल कॉलोनी में जहां एक मात्र मोर ही अधिक नजर आते थे। वहीं अब उस जगह पर निर्माणाधीन ऑक्सीजोन में बन रही पक्षीशाला में देशी विदेशी 200 तरह के पक्षी देखने को मिलेंगे। यहां विश्व की पहली तिरछी पक्षीशाला बनाई जा रही है। नगर विकास न्यास की ओर से आईएल कॉलोनी परिसर में ऑक्सीजोन का निर्माण कराया जा रहा है। करीब 30 हैक्टेयर भूमि पर 100 करोड़ की लागत से बन रहे आॅक्सीजोन में हरियाली के साथ ही पशु पक्षी भी देखने को मिलेंगे। वह भी एक दो तरह के नहीं वरन् 200 तरह के पक्षी यहां नजर आएंगे। 

रैम्प से होकर पक्षियों के बीच जा सकेंगे दर्शक
न्यासअधिकायिों के अनुसार 30 डिग्री तिरछी पक्षी शाला विश्व में कहीं भी नहीं है। इससे अधिक ऊंचाई वाली पक्षीशाला तो हो सकती हैं लेकिन तिरछी होने से इसकी विशेष महत्ता है। इस पक्षी शाला में जो रैम्प बनाई जा रही है। उस रैम्प से होकर दर्शक व पर्यटक पक्षियों के बीच तक जा सकेंगे। पक्षी शाला में पानी में रहने वाले पक्षी पौंड में रह सकेंगे और हरियाली में रहने वाले पक्षी पेड़ पौधों पर रह सकेंगे। पेड़ पौधे भी पक्षियों के हिसाब से ही होंगे। फल व छाया दार पेड़ पौधे लगेंगे। 

30 डिग्री पर बन रही तिरछी पक्षीशाला
न्यास की ओर से ऑक्सीजोन में पक्षी शाला का निर्माण कराया जा रहा है।  स्टील आयरन से अंडाकार आकार में  करीब 30 मीटर ऊंची पक्षीशाला को 30 डिग्री पर तिरछा बनाया जा रहा है। इसकी लम्बाई चौड़ाई 27 गुणा 45 मीटर की होगी। इसके साथ ही इसमें 11 मीटर लम्बा रैम्प भी बनाया जा रहा है। वहीं दो पौंड भी बनाए गए हैं। साथ ही पक्षियों को नेचुरल हरियाली का लुक देने के लिए पेड़ पौधे भी लगाए जाएंगे।   इस पक्षी शाला में देशी-विदेशी 30 प्रजातियों के करीब 200 पक्षी रखे जाएंगे। 

डक पाइंट तक नजर आएगा व्यू
पक्षी शाला की ऊंचाई अधिक होने से वैसे तो  झालावाड़ रोड से होकर गुजरने वाले वाहन चालक भी इसे बाहर से ही देख सकेंगे। लेकिन जो आनंद पक्षी शाला में अंदर रैम्प से होकर देखने का रहेगा वह अलग ही होगा। इस पक्षी शाला में ऊपर क तरफ जाने पर रैम्प से आॅक्सीजोन के बीच में बन रहे डक पाइंट तक का व्यू नजर आएगा। 

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हरियाली से बनाए जानवरों के मॉडल
ऑक्सीजोन में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आएगी। जिससे वहां घूमने जाने वालों को शुद्ध हवा के रूप में आॅक्सीजन की मात्रा अधिक मिलेगी। इसके साथ ही यहां जगहजगह पर हरियाली व  घास से जानवरों के मॉडल भी बनाए गए हैं। घास से लिखी सिटी पार्क के पास घोड़े, जिराफ और बंदर समेत कई तरह की जानवरों को भी बनाया गया है। जिससे वहां घूृमने आने वाले बच्चे उन जानवरों को देखकर उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। 

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दो तरफ प्रवेश द्वार
ऑक्सीजोन में प्रवेश के लिए दो तरफ प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। एक प्रवेश द्वार तो आईएल की तरफ झालावाड़ रोड पर और दूसरा प्रवेश द्वार राजीव गांधी नगर की तरफ से होगा। इस आॅक्सीजोन का काम तेजी से किया जा रहा है। जिसके फरवरी अंत तक पूरा होने की संभावना है। 

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इनका कहना है
ऑक्सीजोन में हरियाली के साथ ही अन्य विशेष निर्माण भी किए जा रहे हैं। पक्षी शाला इस आॅक्सीजोन की विशेषता है। यहां देशी विदेशी पक्षियों को देखने का आनंद ले सकेंगे। ऑक्सिजोन का काम शीघ्र ही पूरा हो जाएगा। 
- राजेश जोशी, सचिव, नगर विकास न्यास 

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