राठौड़ के खिलाफ संयम लोढ़ा ने रखा विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव
स्पीकर जोशी-राठौड़ के बीच हुई तनातनी
राठौड़ ने कहा कि इस पर हमें भी बोलने का मौका दिया जाए। नियम 160 और 161 में इसका प्रावधान है। इसमें प्रस्ताव लाने की सारी प्रक्रिया बताई गई है। हमें भी बोलने का अधिकार है, आप रोक नहीं सकते।
विधानसभा संवाददाता/जयपुर। 81 विधायकों के इस्तीफे मामले को हाईकोर्ट में ले जाने पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के खिलाफ विधानसभा में मंगलवार को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखने पर करीब बीस मिनट तक जमकर हंगामा हुआ। सीएम सलाहकार और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा को सदन में प्रस्ताव रखने की अनुमति देने का विपक्ष ने विरोध किया। इस दौरान स्पीकर सीपी जोशी और राठौड़ के बीच तनातनी हुई। लोढ़ा की ओर से राठौड़ के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव पर अब स्पीकर फैसला लेंगे। प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद लोढ़ा ने राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखना चाहा, लेकिन स्पीकर जोशी ने लोढ़ा को शून्यकाल के बाद प्रस्ताव रखने को कहा। बाद में स्पीकर ने लोढ़ा को प्रस्ताव रखने की जैसे ही अनुमति दी, तो राठौड़ ने इसका विरोध किया। स्पीकर ने कहा कि आप मेरे अधिकार को चैलेंज नहीं कर सकते मिस्टर राठौड़, सदन नियमों से चलता है, आप मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते। राठौड़ ने जब नियमों का हवाला दिया तो स्पीकर ने कहा कि नियम 157 के तहत विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का पूरा प्रोसेस दिया हुआ है। मुझे अनुमति देने का अधिकार है। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि आपको अनुमति का अधिकार है, लेकिन हमें भी बोलने का मौका दिया जाए। इसके बाद लोढ़ा की ओर से रखे गए प्रस्ताव पर स्पीकर ने बाद में फैसला देने की बात कही।
आप नियम 160 और 161 भी देख लीजिए: राठौड़
राठौड़ ने कहा कि इस पर हमें भी बोलने का मौका दिया जाए। नियम 160 और 161 में इसका प्रावधान है। इसमें प्रस्ताव लाने की सारी प्रक्रिया बताई गई है। हमें भी बोलने का अधिकार है, आप रोक नहीं सकते। आप सत्ता पक्ष की अंदरूनी लड़ाई को ऐसा करके ढक नहीं सकते। प्रस्ताव में एक साथ फैसला होना चाहिए, टुकड़ों में इसे नहीं लिया जाना चाहिए।
आपके कहने से सदन नहीं चलेगा: स्पीकर
स्पीकर ने कहा कि मैं अनपढ़ नहीं हूं, सारे नियम जानता हूं। इन नियमों से ही सदन चलेगा। मुझे नियम 160 में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर अनुमति देने का पूरा अधिकार है। इसके बाद आपको मौका दिया जा सकेगा। इस पर अगली प्रक्रिया में बहस होगी, जो आज नहीं होगी। मैंने केवल प्रस्ताव बोलने की अनुमति दी है। अभी लोगों को पता नहीं है कि विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव कैसे लाया जाता है। इसलिए मैंने जानबूझकर अनुमति दी है।
राठौड़ ने सदन की गरिमा को गिराने का काम किया: लोढ़ा
संयम लोढ़ा ने कहा कि क्या विधानसभा में हमारे सवाल का जवाब नहीं आएगा तो हाईकोर्ट जाएंगे, यदि कोर्ट किसी मामले में फैसला नहीं देता है तो विधानसभा उसे फैसला देने को कहती है। ऐसे में अदालत हस्तक्षेप क्यों कर रही है। हाईकोर्ट विधानसभा को डिक्टेट नहीं कर सकता। राठौड़ ने सदन की गरिमा को गिराने का काम किया है।
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