केंद्र ने हमारी बात नहीं सुनी, जेजेएम में फंड की मुसीबत: महेश जोशी

केंद्र ने हमारी बात नहीं सुनी, जेजेएम में फंड की मुसीबत: महेश जोशी

जेजेएम में भी राज्य के 5 से 10 प्रतिशत गांवों को नहीं मिले सकेगा पानी

जयपुर। सिविल लाइंस स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी ने कहा कि केंद्र से हैम उम्मीद करते है, हमारा पूरा सहयोग करे। पहले 90 फीसदी राशि मिलती थी, लेकिन 90;10 हिस्सेदारी कर दे है। राज्य की भौगोलिक स्थिति अलग है। राज्य चाहता है केंद्र शेयर पैटर्न बदले। राज्यपाल ने भी बात उठाई है। हमारी सुनवाई नहीं हो रही है। केन्द्र के मंत्री राजस्थान के ही है, जबकि कई राज्यों की हिस्सेदारी बढाई है। केंद्र से हमारी मांग गलत नहींहै। हमे उम्मीद है केंद्र से न्याय मिलेगा। जल जीवन मिशन आगे बढ़ा है। एसीएस लगातार मोनिटरिंग कर है। विभाग के बारे में छपने वाली न्यूज़ को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए है।

एसीएस सुधांश पंत ने बताया कि  जेजेएम को लेकर 8-10 माह में कई प्रयास किए है। एक साल पहले तीन लाख की स्वीकृति थी, जो आज 80 लाख हो गई है। यह पहली बार है, जिसमें एक साल में साढ़े आठ हजार स्कीम्स स्वीकृत बाकी गई है। पौने पांच हजार स्कीम्स के वर्कऑर्डर हो चुके है। सात हजार स्कीम्स के टेंडर लग चुके।है। आगे दो साल में इसे और गति देंगे। तीसरी वर्षगांठ पर 2400 योजनाओं का शिलान्यास किया गया है। 54 हजार करोड़ के काम स्वीकृत किए है। सभी कामों को 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। कुछ गांव नॉन फिजिबिलिटी में नही है, उन गांवों में 5 लाख पर कनेक्शन कोस्ट अति है ऐसे ढाई से तीन हजार गांव है। 5 से 10 प्रतिशत गांव है, जिनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है।

जलदाय मंत्री ने ये बताई विभाग की टिंसल की उपलब्धियां---

- अगस्त 2019 में जेजेएम के लागू होने से पहले प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल कनेक्शन की संख्या 11 लाख 74 हजार 131 थी। मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व में मौजूदा सरकार ने जेजेएम की शुरूआत से अब तक 10 लाख 39 हजार 949 परिवारों का हर घर जल कनेक्शन की सुविधा और प्रदान कर दी है। अब प्रदेश में 22 लाख 14 हजार से अधिक परिवारों को हर घर जल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।

-- वर्तमान में प्रदेश के 32 हजार 709 गांवों में 8 हजार 362 सिंगल एवं मल्टी विलेज परियोजनाओं तथा 123 वृहद परियोजनाओं सहित कुल 8 हजार 485 परियोजनाओं में करीब 80 लाख से अधिक हर घर जल कनेक्शन जारी किए जाने की स्वीकृतियां उपलब्ध है, जिन पर रुपये 53 हजार 979 करोड़ की लागत आएगी।

-- राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए जल जीवन मिशन के अन्तर्गत घरेलू जल सम्बन्ध महिला मुखिया के नाम से ही जारी किये जाने को वरीयता देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

-- राजस्थान जेजेएम में ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के गठन में देश में सबसे आगे है। 43 हजार 323 गांवों में से 43 हजार 237 में ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियां गठित हो चुकी है। 14 हजार 723 ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों का बैंक में खाता खोला जा चुका है।

-- राजस्थान जेजेएम में विलेज एक्शन प्लान तैयार करने में देश में सबसे आगे है। 43 हजार 323 गांवों में से 42 हजार 642 में विलेज एक्शन प्लान तैयार हो गए है। ग्राम सभाओं में 22 हजार 898 में विलेज एक्शन प्लान का अनुमोदन हो गया है।

-- प्रदेश में जल जीवन मिशन सहित अन्य पेयजल परियोजनाओं के सभी कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जलदाय विभाग द्वारा पहली बार क्वालिटी एश्योरेंस एवं क्वालिटी
कंट्रोल मैनुअल तैयार कर इसे लागू किया गया है।


-- राज्य में चालू वित्तीय वर्ष में 30 लाख ग्रामीण परिवारों को हर घर जल' कनेक्शन देने के लक्ष्य की तुलना में वर्तमान में रेग्यूलर विंग और वृहद पेयजल परियोजनाओं में स्वीकृत ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं में 28 लाख 18 हजार 951 हर घर जल' कनेक्शन के लिए कार्यादेश जारी किए जा चुके है।

--जल जीवन मिशन एवं अन्य परियोजनाओं में पेयजल की गुणवत्ता पर पूरा फोकस किया जा रहा है। राज्य की 33 में से 32 जिला पेयजल जांच प्रयोगशालाओं को राष्ट्रीय स्तर की स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से एनएबीएल एक्रीडिशन दिलाने की कार्यवाही पूरी कर ली गई है।

-- प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आम नागरिकों के लिए 16 बिंदुओं पर आधारित पेयजल गुणवत्ता परीक्षण की दर 1000 रुपये से घटाकर 600 रुपये कर दी है।

-- जयपुर में पानीपेच पर 3 करोड़ की लागत से स्टेट लेबोरेट्री का नया भवन बनाने और चालू वर्ष में प्रदेश की 353 पंचायत समितियों में से 102 पर ब्लॉक पेयजल जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना प्रक्रियाधीन है।

-- जयपुर शहर के नागरिकों की पेयजल आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बीसलपुर परियोजना स्टेज-2 फेज-प्रथम के लिए 288.90 करोड़ रुपये की स्वीकृत प्रदान की गई। इससे जयपुर शहर के सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए 170 एमएलडी अतिरिक्त पेयजल उपलब्ध होगा। कार्य वर्तमान में प्रगति पर है, जिसे अक्टूबर 2022 तक पूरे किए जाने का लक्ष्य है।

-- पृथ्वीराज नगर के क्षेत्रवासियों के लिए बीसलपुर बांध से 170 एमएलडी अतिरिक्त पानी की व्यवस्था को सुनिश्चित करते हुए 56393 करोड़ रुपये की बीसलपुर- पृथ्वीराज नगर फेज-प्रथम स्टेज-प्रथम पेयजल परियोजना स्वीकृत की गई। इस योजना से 175 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए बुनियादी ढाया विकसित कर पृथ्वीराज नगर क्षेत्र के लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 295.51 करोड़ रुपये का व्यय होगा। कार्य वर्तमान मे प्रगति पर है, जिसे अक्टूबर 2022 तक पूरे किए जाने का लक्ष्य है।

-- राजस्थान विश्वविद्यालय कैम्पस को भी बीसलपुर पेयजल परियोजना से जोड़ने के लिए 15.60 करोड़ रुपये की परियोजना आरम्भ की गई। इसका भी कार्य प्रगति पर है, जिसे मार्च, 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।

--जलदाय विभाग द्वारा जोधपुर, बाड़मेर एवं पाली जिले के 6 शहर तथा 2167 गांवों के लिए 1799 करोड़ रुपये की राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल योजना तृतीय चरण का प्रस्ताव तैयार किया गया है इसकी स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। • नागौर जिले के मेड़ता शहर, डेगाना एवं लाडनू में पेयजल वितरण तंत्र के पुर्नगठन के लिए भी विभाग द्वारा 45 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। मेड़ता शहर के लिए 18.73 करोड़ रुपये डेगाना के लिए 1186 करोड़ रुपये एवं लाडनू के लिए 14.41 करोड़ रुपये की योजना प्रारम्भ की गई, जिसका कार्य प्रगति पर है। • 811 अनुसूचित जाति एवं 1051 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य हेबीटेशंस को पेयजल से लाभान्वित किया गया है।

--नए साल में विभाग में जेईएन के 368 एवं तकनीकी संवर्ग के 1309 पदो सहित करीब 1700 पदों पर नई भर्तियां होगी। राजस्थान अधीनस्थ एवं कर्मचारी सेवा बोर्ड के अध्यक्ष श्री हरि प्रसाद शर्मा के साथ बैठक में इस भर्ती प्रक्रिया हो शीघ्रता से पूरा करने को कहा है।

--विभाग के तहत राजपत्रित सवर्ग में 630 तथा अधीनस्थ संवर्ग में 1876 पदोन्नतियां प्रदान की गई है। अधीनस्थ संवर्ग में 388 कार्मिकों को सीधी भर्ती के पदों के विरुद्ध नियुक्तिया प्रदान की गई है।

--वृहद पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से सतही जल स्रोत से वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 18 शहरों को आंशिक, 4098 ग्राम एवं 4000 ढाणियों को पेयजल से लाभान्वित किया गया है। इस दौरान 14 वृहद पेयजल परियोजनाओं के कार्यों को पूरा करते हुए विभिन्न जिलों में लोगों को लाभान्वित किया गया है।

-- विभाग द्वारा जन घोषणा पत्र में डोर स्टेप डिलीवरी के तहत की गई घोषणा क्रियान्विति करते हुए ऑनलाईन पेयजल कनेक्शन के लिए 'एप लॉच किया गया ऑनलाईन एप से आवेदन सुविधा पहले चरण में जयपुर के जगतपुरा और विद्याधरनगर के क्षेत्र के निवासियों के लिए आरम्भ की गई थी. अब यह सुविधा जयपुर शहर में उपलब्ध है। विभाग द्वारा आने वाले दिनों में इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की योजना है।

-- गत तीन सालों में जलदाय विभाग द्वारा गुणवता प्रभावित बस्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए इनमें 1158 आरओ प्लाण्ट लगाकर चालू किए गए है। इसके साथ ही पलोराईड से प्रभावित गांव एवं दाणियों में 1953 सौर उर्जा आधारित डी-फ्लोरिडेशन यूनिट (डीएफयू) भी स्थापित किए गए हैं। इन बस्तियों में निवासरत लोगों के लिए 7554 नये नलकूप एवं 15 हजार 282 नये हैण्डपम्प लगाकर चालू किए गए है. जबकि 7 लाख 18 हजार से अधिक खराब पाए गये हैण्डपम्पों को सुधार कर पुनः चालू किया गया है।

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