
अब गठिया को नियंत्रित करेगी मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज
इंटरनेशनल वर्ल्ड रूमेटोलॉजी फोरम समिट-2023 शुरू
यूके से आए डॉ. क्रिस्टोफर एडवर्ड्स ने बताया कि फिटनेस, एक्सरसाइज, वजन कम करना, स्मोकिंग छोड़ने जैसी चीजों पर ध्यान दिया जाता है और बीमारी को आगे बढ़ने से रोक दिया जाता है।
ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। आॅटोइम्यून बीमारी रूमेटॉयड आर्थराइटिस को नियंत्रित करने के लिए अब बायोलॉजिकल दवा का इस्तेमाल बढ़ गया है। चिकित्सा विज्ञान ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज बना ली हैं जो इस बीमारी को नियंत्रित करने में कारगर हैं। वर्ल्ड रूमेटोलॉज फोरम और इंडियन रूमेटोलॉजी एसोसिएशन की ओर से जयपुर में रूमेटोलॉजी पर शुरू हुई दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस वर्ल्ड रूमेटोलॉजी फोरम समिट-2023 में विशेषज्ञों ने कुछ ऐसी ही जानकारी दी। एसजीपीजीआई लखनऊ के डॉ. विकास अग्रवाल ने बताया कि नई दवा से अब रूमेटॉयड आर्थराइटिस को विकसित करने वाले प्रोटीन की सक्रियता को कम किया जा सकता है। मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज सीधे इन प्रोटीन को ब्लॉक कर देती हैं बीमारी नियंत्रित हो जाती है। आयोजन सचिव डॉ. राहुल जैन ने बताया कि पहले दिन ट्रेनीज ने केस प्रजेंट किए। कॉन्फ्रेंस में 200 पोस्टर भी प्रदर्शित किए गए हैं जिनमें से सबसे अच्छे पोस्टर को पुरस्कृत किया जाएगा। यूके से आए डॉ. क्रिस्टोफर एडवर्ड्स ने बताया कि फिटनेस, एक्सरसाइज, वजन कम करना, स्मोकिंग छोड़ने जैसी चीजों पर ध्यान दिया जाता है और बीमारी को आगे बढ़ने से रोक दिया
जाता है।
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