सरकार सीबीआई जांच को तैयार नहीं प्रतिपक्ष मांग पर अड़ा, गतिरोध जारी

सरकार सीबीआई जांच को तैयार नहीं प्रतिपक्ष मांग पर अड़ा, गतिरोध जारी

सदन का पूरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ा अध्यक्ष ने कहा-सरकार बताए, परीक्षाओं को नकल-गैंग से कैसे मुक्त कराएगी?

 जयपुर। राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर शुक्रवार को दूसरे दिन भी व्यवस्थित बहस नहीं हो सकी। रीट प्रकरण की सत्तापक्ष सीबीआई जांच को तैयार नहीं है, तो प्रतिपक्ष अपनी मांग पूरी करने पर अड़ा हुआ। भाजपा के चार सदस्यों के निलंबन वापस लेने पर भी कोई सहमति नहीं बनी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने गतिरोध खत्म करने के लिए पहल भी की, और सदन की कार्रवाई एक घण्टे के लिए स्थगित भी की, मगर दोनों पक्ष झुकने को तैयार नहीं हुए। सदन प्रश्नकाल समेत पूरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। सदन की कार्रवाई अब सोमवार को 11 बजे शुरू होगी। गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान सीपीआईएम विधायक बलवान पूनिया को बोलने से रोकने के बाद भारी हंगामा हुआ था। धक्का मुक्की के कारण भाजपा के चार विधायकों मदन दिलावर, रामलाल शर्मा, चंद्रभान सिंह आक्या और अविनाश गहलोत को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया था। उधर सरकार ने सीबीआई जांच करवाने से इनकार कर दिया है। संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने साफ मना कर दिया कि राज्य सरकार रीट प्रकरण की सीबीआई से जांच नहीं कराएगी।

यह बोले अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पेपर लीक गैंग का पता लगाना चाहिए। जो बच्चे डिजर्व करते हैं, उन्हें नौकरी मिले, यह सुनिश्चित हो। सरकार उस पर बयान दे कि परीक्षाओं को गैंग से कैसे मुक्त कराएगी। सीबीआई जांच की विपक्ष की मांग पर मैं नहीं जाता, लेकिन नौकरी में फेयर सलेक्शन हो, यह गंभीर मुद्दा है। सदन में इस पर चर्चा होना जरूरी है। सरकार की भी सुननी चाहिए। हमें विचार करना होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो।

यह है घटनाक्रम
सुबह 11 बजे सदन की कार्रवाई शुरू होते ही उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने रीट का मामला उठाना चाहा, लेकिन अध्यक्ष सीपी जोशी ने इजाजत नहीं दी। स्पीकर के मना करने के बावजूद राठौड़ ने बोलना जारी रखा तो स्पीकर नाराज हो गए और फटकार लगाई। भाजपा के निलंबित चार विधायकों को सदन में लाने पर स्पीकर ने राजेंद्र राठौड़ से कहा आप पार्लियामेंटेरियन हैं, कल चार विधायकों को सस्पेंड किया था, उन्हें लेकर सदन में आ गए और हंगामा करवा रहे हो। मुझे संसदीय परंपराओं का ज्ञान दे रहे हो।

बाहरी लोगों को किसने सौंपा सुरक्षा का जिम्मा: कटारिया
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पेपर की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के पास था। शिक्षा संकुल में ही रीट पेपर के समय राजीव गांधी स्टडी सर्कल के चुनिंदा लोगों को क्यों नियुक्त किया। इनमें से कुछ लोग पकड़े गए, उन पर केस हुए। बड़ा सवाल यह है कि इन लोगों को किसके कहने से लगाया।  इन्हें लगवाने वालों की भी जांच होनी चाहिए।

निलंबित विधायक सदन में पहुंचे, वेल में की नारेबाजी
भाजपा के चारों निलंबित सदस्य शुक्रवार को न केवल सदन में पहुंच गए बल्कि वेल में नारेबाजी भी की। इसका आसन के साथ ही सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी विरोध किया। भाजपा के रामलाल शर्मा, मदन दिलावर, चन्द्रभान आक्या और अविनाश गहलोत को सदन ने गुरुवार को ध्वनि मत से इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया था। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के कक्ष में गुरुवार की शाम हुई वार्ता में तय हुआ था कि इन चारों निलंबित सदस्यों को शुक्रवार को ना पक्ष लॉबी तक आने की अनुमति होगी। सदन में प्रवेश को लेकर चर्चा के बाद ही निर्णय लिया जाएगा, लेकिन इन चारों सदस्यों ने बिना निर्णय के ही सदन में प्रवेश किया और हंगामे में शामिल हुए। वैल में आकर नारेबाजी भी की। सत्ता पक्ष ने इस अनुशासनहीनता करार देते हुए आसन से कार्रवाई की मांग की।

कुछ नरम पड़े अध्यक्ष
हंगामे के बाद विधानसभा में गतिरोध टूटने के आसार बने। अध्यक्ष जोशी ने पहले तो तल्ख तेवर दिखाए, लेकिन बाद में प्रश्नकाल खत्म होते ही उनके तेवर नरम हुए। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से गतिरोध तोड़ने की बात कही जिसके बाद विपक्ष भी नरम पड़ा। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने रीट पर चर्चा कराने के अलावा चार विधायकों का निलंबन वापस लेने और गुरुवार की घटना में मंत्रियों के खिलाफ  भी कार्रवाई की मांग की और कहा कि जब तक चारों का निलंबन रद्द नहीं होता और रीट पर कोई फैसला नहीं होता तब तक वे सदन की कार्रवाई में हिस्सा नहीं ले सकते। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि पहले बैठकर चर्चा कर लेते हैं। इसके बाद जोशी ने सदन की कार्रवाई एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। दोपहर एक बजकर 25 मिनट पर सदन की बैठक दोबारा शुरू होते ही उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि रीट की सीबीआई जांच के बिना हम विधानसभा की कार्रवाई में हिस्सा नहीं ले सकते, हम असमर्थ हैं। इसके बाद भाजपा विधायकों ने वैल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी।

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