दो माह बाद फोन पर नहीं आएंगे फर्जी मैसेज!
ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को दिए ये निर्देश
डिजिटल कंसेट एक्युजिशन से मैसेज के लिए सहमति, मना करना और दुबारा शुरू करना आसान होगा।
एजेंसी/नवज्योति,नई दिल्ली। फर्जी मैसेज उपभोक्ताओं को फ्रॉड का शिकार बनाने का एक बड़ा जरिया हैं। देश में टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) पिछले कुछ वक्त से लगातार फर्जी मैसेज और कॉल को रोकने के लिए काम कर रहा है।
अब ट्राई ने फर्जी मैसेज पर सख्ती दिखाई है। ट्राई ने कंपनियों को निर्देश दिया है कि वो फर्जी मैसेज पर रोक लगाने के लिए 2 महीने के भीतर सिस्टम शुरू करें, मैसेज के जरिए होने वाले फ्रॉड पर नकेल के लिए कई अहम कदम उठाने के बाद ट्राई का ये बड़ा फैसला है। रेगुलेटर ने एक बयान में कहा कि पहले चरण में सिर्फ ग्राहक ही प्रचार संबंधी कॉल और एसएमएस प्राप्त करने के लिए अपनी सहमति दर्ज करा सकेंगे, बाद में व्यावसायिक संस्थाएं विज्ञापन संदेश के लिए ग्राहकों से उनकी सहमति लेने के लिए उनसे संपर्क कर सकेंगी।
डिजिटल कंसेंट लेने के लिए बनाना होगा फ्रेमवर्क :
निर्देश हैं कि सभी सेवा प्रदाता कंपनियों को 2 महीने में डिजिटल कंसेंट लेने का फ्रेमवर्क तैयार करना होगा। सभी बैंक, इंश्योरेंस, ट्रेडिंग, बिजनस, रियल एस्टेट आदि कंपनियों को इस निर्देश का पालन करना होगा।
डिजिटल कंसेट एक्युजिशन से मैसेज के लिए सहमति, मना करना और दुबारा शुरू करना आसान होगा। सभी टेलीकॉम कंपनियों को 123एक्सएक्सएक्स से शुरू होने वाले नंबर से मैसेज भेज कर कंसेंट लेने के कहा गया है। मैसेज में कॉल बैक के लिए नंबर भी होगा।
ऐसी योजना है कि आगे चलकर एसएमएस/आईवीआर आॅनलाइन सुविधा के जरिए मैसेज पर रोक लगाई जाएगी। ये योजना चरणबद्ध तरीके से लागू करने का इरादा है।
नियामक ने कहा कि ट्राई ने अब सभी प्रौद्योगिकी प्रदाताओं से एक एकीकृत मंच बनाने और सभी सेवा प्रदाताओं और प्रमुख संस्थाओं में ग्राहकों की सहमति दर्ज करने की प्रक्रिया के लिए डिजिटल सहमति अधिग्रहण (डीसीए) सुविधा विकसित करने का निर्देश दिया है। फिलहाल, प्रचार संबंधी संदेश प्राप्त करने को लेकर ग्राहकों की अनुमति लेने के लिए कोई एकीकृत तंत्र नहीं है।
स्पैम कॉल्स और मैसेज पर नियम
ट्राई ने यूसीसी पर लगाम लगाने के लिए 19 जुलाई2018 को यूसीसी टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रिफरेंस रेगुलेशन (टीसीसीसीपीआर) 2018 के तहत नियम जारी किए थे। 28 फरवरी2019 को ये नियम लागू हो गए।
सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (टीएसपीएस) की सपोर्ट के साथ इनका पालन कराया जा रहा है। ट्राई के मुताबिक ग्राहक सभी तरह के कमर्शियल कम्यूनिकेशन (कॉल और एसएमएस) को ब्लॉक कर सकते हैं। इसके अलावा चाहें तो बैंकिंग, फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स, इंश्योरेंस, क्रेडिट कार्ड, रियल एस्टेट, एजुकेशन, हेल्थ, कंज्यूमर गुड्स और आॅटोमोबाइल, कम्यूनिकेशन, ब्रॉडकास्टिंग, एंटरटेनमेंट, आईटी और टूरिज्म में से एक या एक से ज्यादा कैटेगरी ब्लॉक करने के लिए चुन सकते हैं।
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