CM ने 74 लोगों को ओर दी राजनीतिक नियुक्तियां, नियुक्तियों में विरोध की गर्मी, राजेश चौधरी, सुनील आसोपा ने छोड़ा पद, पद छोड़ने वालों की बढ़ेगी संख्या
सुरेश मोदी व्यापार कल्याण, अर्चना समाज कल्याण बोर्ड और खटाना भवन निर्माण सलाहकार समिति के अध्यक्ष
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीतिक नियुक्तियों के दूसरे दौर में सोमवार को 74 लोगों को नियुक्त किया है। इन नियुक्तियों में पायलट खेमे को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई। नीमकाथाना के विधायक सुरेश मोदी को राजस्थान व्यापार कल्याण बोर्ड और बांदीकुई के विधायक गजराज खटाणा को भवन एवं अन्य सनिर्माण राज्य स्तरीय सलाहकार समिति तथा डॉ. अर्चना शर्मा को राजस्थान समाज कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है।
पूर्व विधायक मीनाक्षी चन्द्रावत को राजस्थान समाज कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष, सुचित्रा आर्य को राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बोर्ड की उपाध्यक्ष, दर्शन सिंह गुर्जर को राजस्थान पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास आयोग का उपाध्यक्ष और अवधेश दिवाकर बैरवा को राजस्थान अनुसूचित जाति वित्त विकास आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। इनके अलावा राजस्थान राज्य महिला आयोग में तीन, अनुसूचित जाति में एक, वक्फ विकास परिषद में चार, मदरसा बोर्ड में सात, बीसूका में दो, समाज कल्याण बोर्ड में तीन, जन अभियोग निराकरण समिति में तीन, युवा बोर्ड में आठ, खादी एवं ग्रामोद्योग में चार, राज्य क्रीड़ा परिषद में छह, धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति प्राधिकरण में दो, व्यापार कल्याण बोर्ड में दो, जीव जन्तु कल्याण बोर्ड में दो, स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बोर्ड में चार, विप्र कल्याण बोर्ड में पांच, चारागाह विकास बोर्ड में चार, वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड में तीन और पशुधन विकास बोर्ड में चार सदस्य नियुक्त किए हैं। मुख्यमंत्री ने पहले दौर में नौ फरवरी को 44 आयोगों, निगमों और बोर्डों में 58 लोगों को राजनीतिक नियुक्तियां दी थी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 74 लोगों को राजनीतिक नियुक्तियां देने के साथ ही विरोध शुरू हो गया है। इस सूची के जारी होते ही पायलट समर्थक दो प्रमुख नेता राजेश चौधरी और सुशील आसोपा शामिल ने अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए पद लेने से इनकार कर दिया है।
राजेश चौधरी को बीसुका में सदस्य और सुशील आसोपा को बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड में सदस्य बनाया गया है। आसोपा ने पद को ठुकराते हुए कहा है कि नियुक्ति से पहले मेरी कोई सहमति नहीं ली गई। उन्होंने ट्वीट जारी कर लिखा है कि मैं 42 महीने की नौकरी छोडकऱ पदों के लिए कांग्रेस में नहीं आया। दूसरी तरफ राजेश चौधरी ने अपरिहार्य कारण बताते हुए असमर्थता प्रकट की है और कहा है कि मेरी जगह किसी अन्य सक्रिय कार्यकर्ता को मौका दे दिया जाना चाहिए। हालांकि दोनों ने ही कांग्रेस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा है कि वे कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं देते रहेंगे।
महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष ममता वशिष्टका ने इस बात पर नाराजगी प्रकट की कि ऐसे लोगों को पद दे दिया गया जो कि सक्रिय नहीं थे ऐसे में उन्होंने महिला कांग्रेस के पद से इस्तीफा दे दिया है । उन्होंने भी ट्वीट करिए जानकारी दी है कोबरा।
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