शिक्षित,सुरक्षित,स्वस्थ नारी,प्राथमिकता हमारी
महिला को अवसर दी जाएं
राजस्थान सरकार का संकल्प है कि प्रदेश की प्रत्येक बालिका एवं महिला को शिक्षित, सुरक्षित और स्वस्थ जीवन प्रदान करने के लिए समुचित अवसर और सुविधाएं दी जाएं।
राजस्थान सरकार का संकल्प है कि प्रदेश की प्रत्येक बालिका एवं महिला को शिक्षित, सुरक्षित और स्वस्थ जीवन प्रदान करने के लिए समुचित अवसर और सुविधाएं दी जाएं। इसी का सुपरिणाम है कि प्रदेश में सशक्त नारी की अवधारणा फलीभूत हो रही है और महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। राज्य सरकार ने महिलाओं का सशक्तिकरण करने के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1000 करोड़ रूपये की निधि स्थापित की है। जिसके तहत महिलाओं के सशक्तिकरण की विभिन्न योजनाएं संचालित है। वहीं राज्य में लगातार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से नारी सशक्तिकरण साकार रूप ले रहा है। सामाजिक व्यवस्था में पुरूष पारम्परिक रूप से परिवार का मुखिया होता है। इस अवधारणा से इतर प्रदेश में जनआधार कार्ड में महिला को परिवार की मुखिया के रूप में पहचान मिली है। प्रदेश में लिंगानुपात 929 से बढ़कर 946 हो गया है। महिलाओं को समूचे रूप से आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश में उनके शिक्षण-प्रशिक्षण, स्वास्थ्य, सुरक्षा ,संरक्षण को सुनिश्चित करने के साथ ही उन्हें स्वावलंबी बनाने एवं संबल प्रदान करने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है।
शिक्षण एवं प्रशिक्षण
आज के दौर में यदि महिलाओं को पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढाना है, तो इसके लिए जहां उनको बेहतर शिक्षा के अवसर प्रदान किया जाना है, वहीं उनमें विद्यमान आत्म कौशल को निखारना भी आवश्यक है। आधुनिक तकनीक को समाहित करते हुए महिलाओं को प्रशिक्षित किए जाने की विशेष आवश्यकता है। इसी को केन्द्र में रखकर प्रदेश में आई एम शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवर्धन योजना के माध्यम से महिलाओं के शिक्षण और प्रशिक्षण को सुनिश्चित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य के लिए उड़ान
पहला सुख निरोगी काया कहावत महिलाओं के लिए भी उतनी ही आवश्यक है जितनी पुरूष प्रधान समाज में इसकी मान्यता है। राज्य सरकार महिलाओं को स्वस्थ रखने के लिए पूर्ण संवेदनशीलता के साथ प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योेजना के द्वारा उपलब्ध करवाई गई स्वास्थ्य सुविधा के साथ ही प्रदेश सरकार ने समस्त किशोरियों एवं महिलाओं को नि:शुल्क सेनेटरी नेपकीन उपलब्ध करवाने के लिए उड़ान योजना को शुरू किया है। माहवारी में स्वच्छता संबंधी जानकारी के अभाव तथा स्वच्छता प्रबंधन न होने के कारण कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से महिलाओं को जूझना पड़ता है।
सुरक्षा एवं संरक्षण
महिलाओं को सुरक्षा तथा संरक्षण दिया जाना वैसे तो सम्पूर्ण समाज की जिम्मेदारी है। राज्य सरकार भी पूर्ण संवेदनशीलता के साथ महिलाओं के लिए सुरक्षा एवं संरक्षण का वातावरण तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में अभय कमाण्ड सेन्टर तथा महिला सुरक्षा गश्ती दल कार्यरत है। सिरोही जिले के अभय कमाण्ड सेंटर पर कार्यरत कांसटेबल लाभू सिंह की तत्परता ने सुरक्षा के लिए सजगता का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वयं फोन करके उनकी इस सजगता के लिए शाबाशी दी हैे। राज्य में महिलाओं को सखी वन स्टॉप सेन्टर अथवा अपराजिता केन्द्र, महिला सुरक्षा सलाह केन्द्र और त्रिस्तरीय महिला समाधान समिति द्वारा सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान किया जा रहा है।
स्वावलम्बन
इसी प्रकार महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए आई एम शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना संचालित है। जिसमें महिलाओं को स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिए अनुदानित ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। योजनान्तर्गत अधिकतम ऋण सीमा एक करोड़ है तथा अधिकतम ऋण अनुदान राशि 15 लाख है। योजनान्तर्गत स्वीकृत ऋण राशि का 25 प्रतिशत अनुदान देय है। विशेष श्रेणी विधवा,परित्यक्ता,हिंसा से पीड़ित महिला दिव्यांग,अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के अवेदकों को स्वीकृत ऋण राशि का 30 प्रतिशत ऋण अनुदान देय है। इसी प्रकार महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए ही जागृति बैक टू वर्क योेजना शुरू की गई है।
संबल
मुख्यमंत्री राजश्री योजना के माध्यम से छह चरणों में 50 हजार रूपए की वित्तीय सहायता देकर संबल प्रदान किया जाता है। वहीं सामूहिक विवाह नियमन एवं अनुदान योजना भी महिलाओं को संबल प्रदान करने की राज्य सरकार की मंशा को पुष्ट करती है।
प्रोत्साहन एवं सम्मान
प्रदेश में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को सम्मान देने हेतु आई एम शक्ति प्रोत्साहन एवं सम्मान योजना भी संचालित है। प्रत्येक वर्ष 8 मार्च अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर यह सम्मान तीन श्रेणियों में दिया जाता है। इसके अन्तर्गत महिलाओं एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति,संस्थाएं, महिला एवं बाल विकास कर्मी जिसके अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ महिला एवं बाल विकास कर्मी, श्रेष्ठ दानदाता,श्रेष्ठ सीएसआर कम्पनी को दिया जाता है।
- गजाधर भरत
(ये लेखक के अपने विचार हैं।)
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