भगोड़े कारोबारी माल्या पर सजा की सुनवाई पूरी
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने सुनवाई पूरी करने के बाद माल्या के वकील को लिखित दलीलें दाखिल करने का अवसर दिया।
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने न्यायालय की अवमानना के दोषी भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की सजा तय करने के मामले में सुनवाई पूरी कर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने सुनवाई पूरी करने के बाद माल्या के वकील को लिखित दलीलें दाखिल करने का अवसर दिया। इस मामले में न्याय मित्र वरिष्ठ वकील जयदीप गुप्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि सर्वोच्च अदालत ने माल्या को कई मौके दिए, लेकिन वह पेश नहीं हुआ। शीर्ष अदालत ने अवमानना के मामले में माल्या को 2017 में दोषी ठहराया था। विभिन्न बैंकों द्वारा दायर अवमानना मामले में सजा तय करने की 10 फरवरी को तय सुनवाई के दौरान पेश होने के लिए उसे अंतिम मौका दिया था। पीठ ने गृह मंत्रालय के इस रुख पर भी विचार किया कि ब्रिटेन के गृह कार्यालय ने सूचित किया है कि माल्या पर एक अन्य कानूनी मामला है जिसे उसके प्रत्यर्पण से पहले हल करने की आवश्यकता है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपने पूर्व की दलील को स्पष्ट किया कि यह भारत सरकार का स्टैंड नहीं था कि माल्या के खिलाफ कुछ गोपनीय कार्यवाही ब्रिटेन में लंबित है, बल्कि यह वहां की सरकार का स्टैंड था।
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