पिंक सिटी से प्रतिदिन निकलता है 1500 टन कचरा
900 टन कचरे को तीनों डंपिंग स्टेशनों पर डाला जा रहा है
शहर (नगर निगम सीमा) से प्रतिदिन करीब 1500 टन कचरा घरों से निकलता है। इसमें से केवल 600 टन का ही निस्तारण हो रहा है।
जयपुर। शहर (नगर निगम सीमा) से प्रतिदिन करीब 1500 टन कचरा घरों से निकलता है। इसमें से केवल 600 टन का ही निस्तारण हो रहा है। बाकी 900 टन कचरे को तीनों डंपिंग स्टेशनों पर डाला जा रहा है, जिससे कचरे के ढेर लगे हुए हैं। अब नगर निगम कचरा निस्तारण के लिए बायो माइनिंग प्लांट लगाने की योजना बना रहा है। इसके लिए सरकार से सहायता मांगी है। जयपुर शहर से प्रतिदिन निकलने वाले कचरे को दोनों नगर निगमों से सब स्टेशनों लांगड़ियावास, मथुरादासपुरा और सेवापुरा में एकत्रित किया जाता है। सेवापुरा में प्रतिदिन 250 टन कचरे से कंपोस्ट और लांगड़ियावास में 350 टन कचरे का आरडीएफ प्लांट से निस्तारण किया जाता है। बाकी 900 टन कचरे को डंप किया जा रहा है। इसका पिछले दस साल से निस्तारण नहीं हो रहा।
प्रतिवर्ष करीब 100 करोड़ रुपए का खर्चा
नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज की ओर से कचरा एकत्रित करने से डंपिंग स्टेशन पर पहुंचाने का कार्य बीवीजी कंपनी को दे रखा था। हेरिटेज निगम अब जोनवार कचरा एकत्रित व डंपिंग करवा रहा है। इस कार्य में दोनों निगमों की ओर से करीब 100 करोड़ रुपए खर्चा किया जा रहा है। इनमें निगम के वाहनों का खर्चा भी शामिल है।
सरकार से मांगी राशि
नगर निगम ग्रेटर व हेरिटेज ने कई वर्षों से जमे कचरे का निस्तारण करने के लिए बायो माइनिंग प्लांट लगाने की योजना बनाई है। इस कार्य में करीब 147 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजकर राशि मांगी गई है।
जयपुर से प्रतिदिन 1500 टन कचरा निकलता है। इसमें से केवल 600 टन कचरे का ही निस्तारण हो रहा है। बाकी कचरे का दस साल से अंबार लगा है। इसके चलते बीमारियां फैलने का भय बना रहता है। इसके निस्तारण की योजना बनाई जाएगी। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार से मदद मांगी जाएगी।
- पुनीत कर्णावट, उप महापौर नगर निगम ग्रेटर
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