परेशानी: हिंडोली कस्बे में पेयजल संकट गहराया

जलदाय विभाग के 7 में से तीन ट्यूबवेल सूखे, अब तीन से चार दिन में मिलेगा पानी

परेशानी: हिंडोली कस्बे में पेयजल संकट गहराया

गर्मी के शुरु होने से पहले ही पेयजल आपूर्ति व्यवस्था चौपट हो चुकी है।

हिंडोली। हिंडोली कस्बे में जलदाय विभाग के तीन बोरिंग में पानी सूख जाने के कारण हिंडोली कस्बे में पेयजल संकट गहरा गया है। अब कस्बे वासियों को तीन से चार दिन में पानी मिलेगा। गर्मी के शुरु होने से पहले ही  हिंडोली कस्बे में लगे जलदाय विभाग के तीन बोरिंग में पानी सूख चुका है जबकि गर्मी का पूरा सीजन बाकी है और अभी से ही पेयजल आपूर्ति व्यवस्था चौपट हो चुकी है। पहले कस्बे में 24 घंटे में पेयजल आपूर्ति जलदाय विभाग द्वारा की जाती थी और अब तीन बोरिंग में पानी सूख जाने के कारण तीन से चार दिनों में पेयजल आपूर्ति का दम भर रही है। सोचनिय विषय है कि जलदाय विभाग के पास पेयजल संकट से निपटने के लिए कोई रोड मैप नहीं है?  ऐसी स्थिति में पेयजल संकट से समस्या और बढ़ सकती है। भैरुजी का बड़ा निवासी नूतन शर्मा ने बताया कि हिंडोली कस्बे में पेयजल संकट  शुरु हो चुका है और 72 घंटे में पेयजल आपूर्ति मिली वह भी 20 मिनट के लगभग ऐसे में पीने का पानी भरे या नहाने का इसको देखते हुए तो घोर पेयजल संकट आने वाली की दस्तक है। 

हिंडोली कस्बे में पेयजल की समस्या अब शुरू हो गई है। 72 घंटे में शिवराज नगर तहसील चौराहे पर 20 से 25 मिनट ही पेयजल मिला है। जलदाय विभाग को शीघ्र ही इसके लिए रोड में तैयार करना चाहिए सिर पर गर्मी आ रही है और पानी की आवश्यकता भी बढ़ेगी। 
- रमेश भारद्वाज कस्बे वासी हिंडोली

गर्मी शुरु होने से पहले ही पानी की किल्लत भी हो गई। जलदाय विभाग को शीघ्र ही इसके निजात के लिए प्रयास करने चाहिए क्योंकि इस वर्ष बरसात की कमी से पेयजल की समस्या आनी  ही है।  
- महावीर सैनी

इनका कहना है 
हिंडोली कस्बे के सिंगड़ी रोड पर तीन बोरिंग पेयजल आपूर्ति के लिए लगे हुए थे वह पूर्ण रूप से जीरो लेवल पर आ गए हैं। वैसे हिंडोली मेज नदी  पेयजल योजना से जुड़ा है लेकिन यह योजना अभी इतनी कारगर साबित नहीं हो पा रही है क्योंकि मेज नदी  से हिंडोली कस्बे की दूरी लगभग 9 किलोमीटर दूर है।  ऐसी स्थिति में लाइट का ट्रिपिंग और लाइन का रखरखाव विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। ऐसी स्थिति में कस्बे की पेयजल आपूर्ति गड़बड़ा गई है। पेयजल आपूर्ति को लेकर उच्चाधिकारियों से राय मसोरा  किया जाएगा और आवश्यकता पड़ी तो उचित कदम उठाए जाएंगे  क्योंकि मेज नदी से पानी की आपूर्ति के लिए राह में कई रोडे हैं। विद्युत आपूर्ति गड़बड़ आने से या लाइट की ट्रिपिंग से 9 किलोमीटर पानी पहुंचाने में 2 से 3 घंटे लग जाते हैं े ऐसी स्थिति में पेयजल आपूर्ति तो गड़बड़ानी ही है। 
- लालाराम रायका, जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता

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