प्रदेश में 14 धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर बनेंगे रोप-वे
नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को भेजा प्रस्ताव
सबसे लंबा रोप-वे बांसवाड़ा में भंदरिया हनुमान से समाई माता होते हुए मदरेश्वर मंदिर तक 4.55 किलोमीटर का बनेगा।
जयपुर। राजस्थान में धार्मिक स्थलों व पर्यटन स्थलों को विकसित करने और आगुंतको को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सरकार की पर्वतमाला परियोजना के तहत प्रदेश में सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 14 स्थानों को रोप-वे बनाने के लिए चुना है। विभाग के एसीएस संदीप वर्मा ने इनको बनवाने का प्रस्ताव नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को भेज दिया है। केंद्र सरकार के रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे ने गत मार्च माह में प्रदेश सरकार को परियोजना के तहत रोप-वे के प्रोजेक्ट्स को चिन्हित कर प्रस्ताव भेजने के लिए पत्र लिखा था। अब केन्द्र को 19 फरवरी को यह प्रस्ताव भेजे गए हैं। सबसे लंबा रोप-वे बांसवाड़ा में भंदरिया हनुमान से समाई माता होते हुए मदरेश्वर मंदिर तक 4.55 किलोमीटर का बनेगा। वहीं जोधपुर शहर में कल्याण लेक से सिद्वनाथ मंदिर तक सबसे छोटा 0.40 किमी का रोप-वे बनेगा। राजसमंद में 2, जयसमंद में 1, बूंदी में 1, जोधपुर शहर में 1, महेंदीपुर बालाजी में 1, बारां में 1, बांसवाड़ा में 1, अजमेर में 1 और चित्तौड़गढ़ में एक रोप-वे बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
कहां और कितनी लंबाई के बनेंगे रोप-वे
जयसंमद में हवा महल से रूटी रानी महल तक 1 किलोमीटर।
राजसमंद के कलवाड़ा से कुभलगढ़ फोर्ट तक 3.05 किलोमीटर।
राजसमंद में अन्नपूर्णा माता मंदिर से दयाल शाह किले तक 1.10 किलोमीटर।
बूंदी में इंद्रगढ़ से बीजासन माता मंदिर तक 0.60 किलोमीटर।
जोधपुर शहर में कल्याण लेक से सिद्धनाथ मंदिर तक 0.40 किलोमीटर।
मेहंदीपुर बालाजी में फोरेस्ट नाका से भैरव बाबा मंदिर तक 0.55 किलोमीटर।
बारां में रामगढ़ में देव नारायण मंदिर से कृष्णा माता तक 0.650 किलोमीटर।
बांसवाड़ा में भंदरिया हनुमान से समाई माता मंदिर तक 0.85 किलोमीटर और यहां से मदरेश्वर मंदिर तक 3.70 किलोमीटर लंबा।
अजमेर में नागफनी बाइपास से तारागढ़ फोर्ट तक 1.140 किलोमीटर लंबा।
चित्तौड़गढ़ में विद्या निकेतन स्कूल से चित्तौडगढ़ फोर्ट के छतरंग मोरी तक 1 किलोमीटर लंबा।
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