विश्व महिला दिवस: कम जागरूकता और बिगड़ी जीवनशैली से बढ़ रहे ब्रेस्ट व सर्वाइकल कैंसर के मामले
विश्व महिला दिवस पर सीनियर मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. ताराचंद गुप्ता ने दी जानकारी
पिछले कुछ सालों में महिलाओं में कैंसर के मामले काफी बढ़े हैं। यहां तक कि काफी कम उम्र में भी महिलाओं को कैंसर जैसी दर्दनाक बीमारी से जूझना पड़ता है।
जयपुर। पिछले कुछ सालों में महिलाओं में कैंसर के मामले काफी बढ़े हैं। यहां तक कि काफी कम उम्र में भी महिलाओं को कैंसर जैसी दर्दनाक बीमारी से जूझना पड़ता है। कैंसर के पीछे दो मुख्य कारण हैं प्रदुषण और लाइफस्टाइल में बदलाव। आज दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस भी मनाया जा रहा है। ऐसे में भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के सीनियर मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. ताराचंद गुप्ता ने महिलाओं में खास दो तरह के कैंसर के बारे में बताया।
ब्रेस्ट व सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे ज्यादा
डॉ. ताराचंद गुप्ता ने बताया कि महिलाओं में दो प्रकार का कैंसर सबसे ज़्यादा देखे जाते हैं। एक स्तन और दूसरा सर्विकल। आंकड़ों के अनुसार महिलाओं में होने वाले कैंसर के मामलों में 26.6 प्रतिशत मामले ब्रेस्ट कैंसर और 17.7 प्रतिशत मामले सर्वाइकल कैंसर के आ रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है लाइफस्टाइल में बदलाव। पहले महिलाएं फिजिकली फिट रहती थीं। धूम्रपान, शराब और तंबाकू के सेवन से दूर रहती थीं। आजकल घर के साथ ऑफिस का काम करना सिर्फ स्ट्रेस को बढ़ाता है। साथ ही तंबाकू, शराब का सेवन भी बढ़ा है।
मोटापा भी बड़ा कारण
ज़्यादातर जो कैंसर हैं, वे मोटापे से जुड़े हैं, जैसे की ओवेरियन, सर्वाइकल, ब्रेस्ट कैंसर आदि। इसके अलावा कई कैंसर इंफेक्शन की वजह से होते हैं, जैसे सर्वाइकल कैंसर। इससे बचने के लिए एचपी वैक्सीनेशन लेना ज़रूरी है। एचआईवी मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ रही है, इसके कारण सर्वाइकल कैंसर होने का ख़तरा 6 गुना ज्यादा बढ़ जाता है। वहीं सिगरेट स्मोकिंग, शराब, तंबाकू का सेवन कई तरह के कैंसर का कारण बनता है। इससे ब्रेस्ट, ओवेरियन, लंग कैंसर और कोलोन कैंसर महिलाओं में काफी तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
कैंसर से बचने के लिए हम क्या कर सकते है?
- एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। रोज़ाना व्यायाम करना चाहिए, हरी और ताज़ा सब्ज़ियों का सेवन करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा स्वस्थ आहार करें।
- 35 की उम्र के बाद स्क्रीनिंग, मेमोग्राफी कराना ज़रूरी हो जाता है। जिससे जल्दी ही ब्रेस्ट कैंसर निदान कर सके।
- 30 साल उम्र के बाद पैप स्मीयर और एचपीवी सायटोलोजी भी ज़रूर कराना चाहिए। जिसकी वजह से सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना कम हो सकती है।
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