लोकसभा का चुनाव लड़ने की प्रक्रिया है आसान

हमारे यहां चुनाव लड़ना आसान है

लोकसभा का चुनाव लड़ने की प्रक्रिया है आसान

अगर सामान्य नियमों की बात करें तो चुनाव लड़ने के लिए व्यक्ति को भारत का नागरिक होना आवश्यक है। इसके साथ ही उस व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल होना चाहिए।

जयपुर। देश में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है। इन चुनावों के लिए बड़ी संख्या में लोग किसी ना किसी पार्टी की टिकट या निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। कई उम्मीदवार ऐसे भी होते हैं, जो सिर्फ अपना शौक पूरा करने के लिए भी चुनाव लड़ते हैं। कुछ लोग चुनाव प्रक्रिया को जटिल मानते हुए, ऐसा नहीं कर पाते, लेकिन हमारे यहां चुनाव लड़ना आसान है। 

ये लड़ सकते हैं चुनाव
अगर सामान्य नियमों की बात करें तो चुनाव लड़ने के लिए व्यक्ति को भारत का नागरिक होना आवश्यक है। इसके साथ ही उस व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल होना चाहिए। ऐसा जरूरी नहीं है कि उसे जिस सीट से चुनाव लड़ना है, उस निर्वाचन क्षेत्र से ही वह मतदाता हों। वह भले ही किसी भी सीट पर अपना वोट देते हों, लेकिन वह कहीं भी चुनाव लड़ सकता हैं। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार की उम्र की बात करें तो 25 साल से अधिक उम्र के लोग चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा व्यक्ति को मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होना आवश्यक है।

इन दस्तावेजों की होती है आवश्यकता
जब कोई चुनाव लड़ता है तो उम्मीदवार को चुनाव आयोग की तय प्रक्रिया के अनुसार कई तरह के फॉर्म भरने होते हैं। इन फॉर्म में उम्मीदवार को संपत्ति से लेकर शिक्षा, पता, कोर्ट केस आदि की जानकारी देनी होती है। इसके साथ ही अलग अलग फॉर्म में कई सवालों के जवाब देने होते हैं और कई सवालों को सत्यापित करने के लिए दस्तावेजों की आवश्यकता भी होती है। वैसे तो उम्मीदवार के निजी पहचान, एड्रेस, आयु, संपत्ति (जिन-जिन की जानकारी दी गई है) कोर्ट केस के सभी दस्तावेज जमा करने होते हैं। इसके अलावा होम टैक्स चुकाने की रसीद, सभी टैक्स चुकाने की रसीद आदि की जानकारी भी देनी होती है। अगर पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं तो सिंबल आंवटन का सर्टिफिकेट जमा करना होता है।

कितनी सीट पर चुनाव लड़ा जा सकता है
पहले धारा 33 के मुताबिक कोई भी उम्मीदवार चाहे कितनी भी सीटों से चुनाव लड़ सकता था, लेकिन इस पर आपत्तियां जताए जाने के बाद 1996 में इस नियम में संशोधन किया गया। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 33 (7) के तहत अब अधिकतम दो सीटों से ही चुनाव लड़ा जा सकता है। यानी एक व्यक्ति दो सीट से चुनाव लड़ सकता है। अगर वह दोनों सीट से जीत जाता है तो उसे एक सीट छोड़नी होती है। चुनाव परिणाम आने के 10 दिन के अंदर उसे ऐसा करना होता है। फिर जो सीट खाली हो जाती है, वहां फिर से चुनाव होते हैं, जिसे उप चुनाव कहा जाता है। 

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ये होती है पूरी प्रक्रिया
अगर प्रक्रिया की बात करें तो इसमें सबसे पहले चुनाव आयोग के सभी फॉर्म भरने होते हैं और उसमें जिन भी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। उन्हें जमा करना होता है। इसके अलावा दो गवाह के साथ एक शपथ पत्र भी जमा करना होता है, जिसमें अपने बारे में और संपत्ति की जानकारी देनी होती है। यह प्रक्रिया ऑफलाइन और ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है, अगर ऑफलाइन प्रक्रिया से चुनाव करने हैं तो ये प्रक्रिया कलेक्ट्रेट में पूरी होती है। वहीं ऑनलाइन माध्यम में चुनाव आयोग की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। इसमें सबसे पहले आपको रजिस्टर करना होगा। इसके बाद वह लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव लड़ सकता हैं। ऑनलाइन प्रोसेस तीन चरण में होती है। इसमें एक तो आवेदन, शपथ पत्र और तीसरा अनुमति का चरण है। यहां कई दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे।

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