50 फीसदी विद्यार्थी भी नहीं दे पाए सवालों के जवाब

आरकेएसएमबीके आकलन 2 का परिणाम जारी

50 फीसदी विद्यार्थी भी नहीं दे पाए सवालों के जवाब

कक्षा 3 से कक्षा 8 तक के आधे विद्यार्थी नहीं दे पाए उत्तर।

कोटा। शिक्षा विभाग की ओर से राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम के तहत फरवरी माह में आयोजित हुई आंकलन 2 परीक्षा कर परिणाम घोषित कर दिया है। इस परीक्षा में कोटा जिले के कक्षा 3 से 8 तक के करीब 1 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया था। शिक्षा विभाग की ओर से जारी परिणाम में कोटा जिले के विद्यार्थियों का प्रदर्शन औसत रहा। जहां औसतन 50 फीसदी विद्यार्थी ही परीक्षा में पूछे गए सवालों को हल कर पाए। वहीं बड़े पैमाने पर आयोजित इस परीक्षा में विद्यार्थियों द्वारा हल किए सवालों की जांच आर्टिफिशियल तकनीक के माध्यम से की गई। राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम के तहत आयोजित परीक्षा में जिले के विद्यालयों में कक्षा 7 के मात्र 25 फीसदी विद्यार्थी ही अंग्रेजी में विराम चिन्हों का उत्तर दे पाए। वहीं हिंदी में कक्षा 8 के मात्र 39 फीसदी विद्यार्थी ही उत्तर दे पाए। जो राजकीय विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को प्रदर्शित करता है।

कई कक्षाओं के आधे विद्यार्थी उत्तर तक नहीं दे पाए
आरकेएसएमबीके के तहत आयोजित परीक्षा के परिणाम में सामने आया कि कोटा में विद्याार्थियों के शिक्षा स्तर में मामूली सा सुधार हुआ है। जहां आंकलन 1 परीक्षा में ये औसत 49 फीसदी था वो बढ़कर 50 फीसदी हुआ है। बात करें कक्षा 3 की तो इसमें अंगे्रजी विषय की परीक्षाओं में औसत 42 फीसदी, हिंदी में 54 फीसदी और गणित में 45 फीसदी विद्यार्थी ही जवाब दे पाए। कक्षा 4 के अंग्रेजी विषय में 39 फीसदी, हिंदी में 48 फीसदी और गणित में 52 फीसदी विद्यार्थी सवाल हल कर पाए। कक्षा 5 के अंग्रेजी विषय में 47 फीसदी, हिंदी में 51 फीसदी और गणित में 58 फीसदी विद्यार्थियों ने उत्तर दिए। कक्षा 6 के अंग्रेजी विषय में 36 फीसदी, हिंदी में 37 फीसदी और गणित में 37 फीसदी विद्यार्थी सवाल हल कर पाए। इसी तरह कक्षा 7 के अंग्रेजी विषय में 32 फीसदी, हिंदी में 44 फीसदी और गणित में 40 फीसदी विद्यार्थी सवाल हल कर पाए। वहीं कक्षा 8 के अंगे्रजी विषय में 44 फीसदी, हिंदी में 46 फीसदी और गणित में 44 फीसदी विद्यार्थी ही हल कर पाए। 

शिक्षा विभाग ने समीक्षा हेतु बनाई योजना
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी चारूमित्रा सोनी ने बताया कि जिन कक्षाओं में 50 फीसदी से कम विद्याार्थी सवालों के जवाब दे पाए हैं उनके लिए विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार कर ली गई है। जिसके तहत जो विद्यार्थी आंकलन परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं उन्हें शिक्षकों के साथअभिभावकों की ओर से भी पढ़ाई में सहायता करने व हर सप्ताह आकेएसएमबीके की कार्यपुस्तिका के अभ्यासों को हल करवाने का कार्य किया जाना है। ताकी जो बच्चे पीछे छूट गए हैं उन्हें बाकियों के बराबर ला सकें। सवाल हर साल दो बार हो रही परीक्षा फिर भी स्थिति वैसी क्यों: आंकलन 2 परीक्षा का परिणाम आने के पश्चात सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि विभाग की ओर से हर साल दो बार यह परीक्षा आयोजित की जाती है जिसमें विद्यार्थियों की दक्षता की स्थिति परखी जाती है। लेकिन बावजूद इसके विद्यार्थियों की दक्षता के स्तर में कोई खासा बदलाव नहीं देखा गया है। जिले में प्रथम पारी के दौरान कक्षा 3 से कक्षा 8 तक 80 हजार विद्यार्थियों ने यह परीक्षा दी थी जिसमें लगभग आधे विद्यार्थी सवालों के जवाब देने में असमर्थ रहे।

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