अस्पताल की व्यवस्थाएं वेंटिलेटर पर,मरीजों पर आफत

जिला अस्पताल में आने वाले मरीज एक्स-रे के लिए हो रहे परेशान

अस्पताल की व्यवस्थाएं वेंटिलेटर पर,मरीजों पर आफत

जानकारों का कहना है कि जिला अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे मशीन एक ही उपलब्ध है।

बूंदी। जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को एक्स-रे कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले के सबसे बड़े अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे के लिए मात्र एक मशीन उपलब्ध होने के कारण मरीज अपनी बारी आने के लिए घंटों तक लाइनों में खड़े रहते हैं। सथूर निवासी कैलाश सैनी ने बताया कि वह आज अपने पिता गोपी लाल का इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल आया था चिकित्सक ने उन्हें एक्सरे कराने की सलाह दी। एक्स-रे की रसीद काटने के बाद जब वह एक्सरे कराने के लिए पहुंचा तो वहां पहले से ही 15-20 मरीजों की रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन लगी हुई थी। आधे घंटे बाद उसका नंबर आया और वह एक्स-रे कक्ष के बाहर आकर खड़ा हुआ काफी देर तक एक्स-रे नहीं होने पर वहां मौजूद कर्मचारियों से पूछा गया कि एक्स-रे क्यों नहीं कर रहे हो तो उन्होंने जवाब दिया प्लेट कम और डिजिटल एक्स-रे मशीन एक ही होने के कारण समय अधिक लग रहा है।

क्यों करवाते हैं डिजिटल एक्स-रे
पारंपरिक एक्स-रे इमेजिंग की तुलना में डिजिटल एक्स-रे के कई फायदे हैं। डिजिटल एक्स-रे द्वारा एक्सपोज इमेज उच्च गुणवत्ता और रिजॉल्यूशन की होती हैं, जिससे डाक्टर्स को शरीर की आंतरिक संरचनाओं का अधिक विवरण देखने को मिलता है। डिजिटल एक्स-रे की एक्सपोज इमेज को सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर एडिट किया जा सकता है, जिससे डाक्टर्स विजुअलाइजेशन में सुधार करने के लिए इमेज के कंट्रास्ट, चमक और अन्य मापदंडों को समायोजित कर सकते हैं। वहीं डिजिटल एक्स-रे में पारंपरिक एक्स-रे की तुलना में कम विकिरण निकलने से विकिरण जोखिम का खतरा भी कम रहता हैं। डिजिटल एक्स-रे का उपयोग आमतौर पर विभिन्न चिकित्सीय स्थितियों, जैसे हड्डी के फ्रैक्चर, जोड़ों की समस्याएं, फेफड़ों में संक्रमण और पाचन विकारों के निदान और निगरानी के लिए किया जाता है।

मरीजों की कट रही हैं औसतन 300 से 400 रूपए की जेब
जिला अस्पताल में किए ता रहे एक्स-रे निशुल्क जांच योजना के तहत नि:शुल्क होते हैं। वहीं बाहर से डिजिटल एक्स-रे करवाए जाने पर प्रति एक्स-रे मरीज को 300 से 400 रूपए औसतन खर्च करने पड़ते हैं। ऐसे में बात करें तो जिला अस्पताल में एक डिजिटल एक्स-रे मशीन होने के कारण लने वाली भीड़ व परेशानी से बचने के लिए मरीज सामान्यतया बाहर से एक्स-रे करवाना ज्यादा मुफिद समझता हैं। फलस्वरूप बाहर से एक्स-रे करवाने पर मरीज को प्रति एक्स-रे 300 से 400 रूपए औसतन खर्च करने पड़ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठना भी लाजमी है कि कहीं बाहर की जांच लेबों को प्रोत्साहित करने के लिए जिला अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे के लिए दूसरे सेटअप को लगाए जाने में प्रशासन रुचि नहीं ले रहा हैं।

प्रतिदिन होते हैं 200 से अधिक एक्स-रे
जानकारों का कहना है कि जिला अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे मशीन एक ही उपलब्ध है। इससे अच्छे हालात तो जिले के अन्य अस्पतालों के हैं जहां दो-दो डिजिटल एक्स-रे मशीन है वहां पर एक्स-रे का लोड भी औसतन 20 से 25 एक्स-रे प्रतिदिन रहता है। जबकि जिला अस्पताल में एक दिन में 200 से अधिक एक्स-रे का लोड हैं। ऐसे में एक डिजिटल एक्स-रे मशीन पर्याप्त हैं, ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि एक डिजिटल मशीन और उपलब्ध कराये। ताकि यहां आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

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जिला अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे के लिए एक ही सेटअप मौजूद है। प्रदेश सरकार को लिखित में प्रार्थना पत्र दिया हुआ है, कि एक डिजिटल एक्स-रे मशीन और उपलब्ध कराई जाए ताकि मरीजों को परेशानी ना हो, जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में दो डिजिटल मशीन लगी हुई है। अगर उच्च अधिकारी दिलचस्पी ले तो उन्हें यहां पर लगाया जा सकता है। इसके लिए जिला कलेक्टर से वार्ता की जाएगी।
- डॉ. प्रभाकर विजय, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, बूंदी

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