दो वक्त की रोटी से पहले पानी जुटाना बनी चुनौती

लापरवाह जलदाय विभाग : कोटा शहर के कई इलाकों में पानी के लिए मची मारामारी, बूंद-बूंद के लिए बढ़ा लोगों का संघर्ष

दो वक्त की रोटी से पहले पानी जुटाना बनी चुनौती

कहीं रतजगा तो कहीं आंख खुलते ही बर्तन लेकर दौड़ पड़ते लोग।

कोटा। मां चर्मण्यवती के तट पर बसे कोटा शहर में जल संकट....सुनने में भले ही अजीब लगे पर ऐसी तस्वीर हर साल शहर में नजर आती है। कहीं, पानी के लिए पूरी रात आंखों में कटती है तो कहीं आंख खुलते ही लोग बर्तन लेकर सड़क पर दौड़ पड़ते हैं। हालात यह है, दो वक्त की रोटी से पहले दो वक्त पानी का जुगाड़ करना चंबल किनारे बसे लोगों के लिए चूनौती बन गया। हालात यह हैं, पानी की मारामारी में काम-धंधे तक छूट जाते हैं। लेकिन, पानी उपलब्ध करवाने  के लिए जिम्मेदार अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। जलदाय विभाग की घोर लापरवाही के कारण कुन्हाड़ी व बोरखेड़ा के इलाकों की आबादी भयंकर जल संकट से जूझ रही है। 

रातभर जागते 150 परिवार
कुन्हाड़ी क्षेत्र के बापू नगर में गर्मी की शुरुआत से ही जल संकट गहरा गया। इस इलाके के लोगों का पूरा दिन पानी का जुगाड़ करने में ही बीत जाता है। सबसे ज्यादा परेशानी देव नारायण मंदिर वाले इलाके में बनी हुई है। यहां करीब 150 से 200 परिवार बूंद-बूंद के लिए रतजगा करने को मजबूर हैं। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं की दिनचर्या में सबसे बड़ा काम ही पानी का बंदोबस्त करना है। इन दिनों पानी की किल्लत के चलते लोगों के काम-धंधे तक छूट रहे हैं।

दिनभर हैंडपम्प पर लगती भीड़  
कांग्रेस नेता चेतराम शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में पुरूष रातभर जागकर पीने का पानी एकत्रित करते हैं और सुबह से दोपहर तक हैंडपम्प पर  महिलाओं की भीड़ लगी रहती है। हैंडपम्प का पानी खारा होने से पीने लायक नहीं है लेकिन नहाने व कपड़े धोने के लिए तेज धूप में पानी का जुगाड़ करना महिलाओं के लिए मजबूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रेशर नहीं बढ़ाए जाने के कारण नलों में पानी नहीं आता। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जल संकट गहरा रहा है। 

दिनचर्या बिगड़ गई 
स्थानीय निवासी पूजा शर्मा कहतीं हैं नलों में पानी नहीं आने से दिनभर पानी का जुगाड़ करना पड़ता है। जिसकी वजह से पूरी दिनचर्या ही बिगड़ गई। पहले तो पानी कम आ रहा था, किसी तरह से काम चल रहा था लेकिन अब तो पूरी तरह से पानी आना बंद हो गया है। खाना बनाने से पहले पानी का इंतजाम करना पड़ता है। घर के काम रूके हुए हैं।  घर पर छोटे बच्चे हैं, पानी की कमी से कई तरह की परेशानी होती है। जलदाय अधिकारियों को मौखिक व लिखित में समस्या बताई फिर भी समाधान नहीं हुआ। 

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15 दिनों से नलों में नहीं पानी 
बापू नगर वार्ड 69 निवासी युवा कांगे्रस नेता लोकेश शर्मा ने बताया कि इलाके में करीब 15-20 दिन से नलों में पानी नहीं आ रहा। शाम को आधे घंटे के लिए पानीआता है लेकिन वह भी ढलान वाले क्षेत्र में जबकि, ऊंचाई वाले क्षेत्र में तो रात 12 से 1 बजे के बीच धीमी गति से पानी आता है। ऐसे में लोगों को पूरी रात जागकर जरूरत का पानी एकत्रित करना पड़ता है। पहले तो सुबह-शाम नलों में पानी आता था लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह भी नहीं आ रहा। इसकी शिकायत जलदाय विभाग के अधिकारियों से कर चुके हैं लेकिन समाधान नहीं हुआ। हालात यह है, रातभर मोटरें चलती हैं, जिससे बिजली के बिल दोगुने बढ़ गए। अधिकारियों की लापरवाही के कारण लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। 

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छूट रही मजदूरी 
सूर्य कॉलोनी निवासी राकेश मेघवाल ने बताया कि पानी का जुगाड़ करने में कई घंटे तो कभी पूरा दिन ही बीत जाता है। कम दबाव से जलापूर्ति से लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। हालात यह है, पानी का जुगाड़ करने के चक्कर में कई लोगों की मजदूरी तक छूट जाती है। कई बार तो लोग सुबह आंख खुलते ही बर्तन लेकर हैंडपम्प की ओर दौड़ पड़ते हैं। दोपहर तक पानी लाने ले जाने का सिलसिला चलता रहता है।  

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हैंडपम्प उगल रहा गंदा पानी
फैंड्स कॉलोनी निवासी भैरुलाल गुर्जर बताते हैं, रेलवे पटरी स्थित बस्ती बसे 60 साल हो गए लेकिन आज तक पाइप लाइन तक नहीं पहुंची। यहां गंदे नाले के पास एक हैंडपम्प लगा हुआ है जिसमें गंदा व बदबूदार पानी आ आता है। उससे सिर्फ नहा सकते हैं, कपड़े धो सकते हैं। पीने का पानी 500 मीटर सरकारी हैंडपम्प से लाना पड़ता है। जहां सुबह से शाम तक लंबी कतारें लगी रहती है। हालात यह हैं 500 मीटर कड़ी धूप में लोगों को पैदल जाकर पानी लाना पड़ता है।  

एक दर्जन से अधिक कॉलोनियों में जल संकट
बोरखेड़ा क्षेत्र की एक दर्जन से अधिक कॉलोनियां जल संकट से जूझ रही है। फ्रेंड्स कॉलोनी, लाजपत नगर, सूर्य नगर, आदित्य नगर सहित अन्य कॉलोनियों में दो वक्त ही पानी आता है, वह भी धीमी गति से।  जरूरत का पानी जुटाने के लिए लोग मोटरें चलाते हैं, जिससे आखिरी छोर तक पानी पहुंच ही नहीं पाता। ऐसे में दिनभर हैंडपम्प पर भीड़ लगी रहती है। जलदाय विभाग की लापरवाही के कारण लोग दोहरी मार झेल रहे हैं। पानी के लिए तरस रहे और रातभर मोटर चलने दो गुना बिजली का बिल भुगत रहे हैं। फ्रेंड्स कॉलोनी में करीब 20 पुरानी पाइप लाइन है,जो जगह जगह से लीकेज है। घरों तक पानी पहुंचने से पहले ही व्यर्थ बह जाता है। 
- बबलू कसाना, पार्षद, वार्ड 17 बोरखेड़ा 

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