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Digital होते जमाने में आज भी 18 पेज का गाइड लाइसेंस लेकर घूम रहे गाइड
जयपुर में स्थानीय स्तर के 3000 से अधिक गाइड हैं
गाइडों का कहना है कि गाइड लाइसेंस को स्मार्ट कार्ड के रूप में बदलवाने के लिए कई बार पर्यटन विभाग के अधिकारियों से मांग कर चुके हैं लेकिन वे हमेशा बजट ना होने की बात कहकर बात टाल देते हैं।
जयपुर। शहर के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर गाइड देसी और विदेशी पर्यटकों को ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी देते हैं। पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जयपुर में स्थानीय स्तर के 3000 से अधिक गाइड हैं। देखने में आ रहा है कि डिजिटल होते जमाने में भी गाइडों को पर्यटन विभाग की ओर से मुहैया कराए गए 18 पेज का गाइड लाइसेंस (डायरी) लेकर घूमना पड़ता है। गाइडों का कहना है कि गाइड लाइसेंस को स्मार्ट कार्ड के रूप में बदलवाने के लिए कई बार पर्यटन विभाग के अधिकारियों से मांग कर चुके हैं लेकिन वे हमेशा बजट ना होने की बात कहकर बात टाल देते हैं।
जयपुर टूरिस्ट गाइड अध्यक्ष एसोसिएशन के मदन सिंह राजपुरा का कहना है कि हमें 18 पेज का गाइड लाइसेंस लेकर घूमना पड़ता है। इसे डिजिटल करने की जरूरत है। आज हर सेक्टर को डिजिटलाइज्ड करने की बात कही जा रही है, लेकिन हमारे लाइसेंस को डिजिटल कब करेंगे। कई बार पर्यटन विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में मांग कर चुके हैं, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल पा रहा है। जबकि पर्यटन मंत्रालय की ओर से गाइडों को अच्छा गाइड लाइसेंस दिया जाता है। तो राज्य का पर्यटन विभाग इसे क्यों नहीं अपना रहा है।
पर्यटक गाइड सज्जन सिंह राठौड़ ने बताया कि हमारे गाइड लाइसेंस को स्मार्ट कार्ड में बदलवाने के लिए पिछले कई सालों से प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए कई बार पर्यटन विभाग के अधिकारियों से भी मिले, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है। डिजिटल होते भारत में आज भी हम बुकलेट नुमा गाइड लाइसेंस लेकर घूम रहे हैं। इसे स्मार्ट कार्ड में बदलने से सुविधाएं मिलने के साथ ही ट्रांसपेरेंसी रहेगी।
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