गांवों में 7-8 और शहरों में 3-4 घंटे होगी कटौती
चार घंटे तक कटौती की जाएगी
राजस्थान में जारी बिजली संकट के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में छह से आठ घंटे तक कटौती से किसान और विद्यार्थी खासे परेशान हैं।
जयपुर। राजस्थान में जारी बिजली संकट के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में छह से आठ घंटे तक कटौती से किसान और विद्यार्थी खासे परेशान हैं। बिजली डिमांड बढ़ने और उत्पादन नहीं बढ़ने से आगामी दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में आठ घंटे तक और शहरी क्षेत्रों में तीन से चार घंटे तक कटौती की जाएगी। हालात देखते हुए बिजली कम्पनियों को कुछ जिलों में ब्लैकआउट की आशंका भी सताने लगी है। मांग और आपूर्ति में रोज अंतर बढ़ने से बिजली कम्पनियों के हाथ पैर भी फूलने लगे हैं। कटौती का असर ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा होने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। ऊर्जा विभाग के अफसर उपलब्ध बिजली और कटौती को लेकर लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं, लेकिन कटौती में राहत को लेकर कोई फैसला नहीं ले पा रहे। यही वजह है कि मई के पहले सप्ताह में ग्रामीण क्षेत्रों में छह से आठ घंटे तक कटौती और शहरी क्षेत्रों में तीन से चार घंटे तक कटौती शुरू हो जाएगी।
कोयला नहीं, रेलवे रैक की भी कमी
विद्युत उत्पादन निगम सीएमडी आरके शर्मा का कहना है कि हमारे पास 7580 मेगावाट क्षमता की इकाइयों को पूरी क्षमता से चलाने के लिए पर्याप्त कोयला नहीं है। कोयला लाने के लिए रेलवे में रैक भी फिलहाल उपलब्ध नहीं है। उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ कोल आवंटन विवाद सुलझने के बाद मई के अंत तक कोयला मिलना शुरू हो जाएगा। वहीं, शर्मा ने 23 उत्पादन इकाइयों में से बंद पड़ी करीब छह इकाइयों के भी मई-जून में शुरू होने की उम्मीद जताई है।
परीक्षा तैयारियों में बाधा
बिजली संकट के चलते रात में कटौती से ग्रामीण क्षेत्र के बोर्ड परीक्षार्थियों के सामने अधिक संकट बना हुआ है। किसानों को भी 12 से तीन और रात में नौ से 12 बजे तक बिजली मिलना रास नहीं आ रहा।
एक्सचेंज में भी नहीं मिल रही बिजली
निजी कम्पनी राजवेस्ट के पावर प्लांट की आठ में से छह इकाईयां ठप होने से 700 मेगावाट बिजली कम मिल रही है। विंड एनर्जी में भी 367 मेगावाट ही मिल रही है। एक्सचेंज के जरिए 12 रुपए प्रति यूनिट की बिड लगाने के बावजूद बिजली नहीं मिल पा रही।
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