खुद कर्मचारियों की तंगी से जूझ रही है खेल विकास के लिए बनी सबसे बड़ी सरकारी संस्था
थके कंधों पर है खेल परिषद का भार
अधिकांश जिलों में नहीं हैं खेल अधिकारी
जयपुर। प्रदेश के खेलमंत्री हों या खेल परिषद की अध्यक्ष, सभी का लक्ष्य राज्य में ओलंपिक और एशियाई खेलों के लिए पदक विजेता खिलाड़ी तैयार करना है। लेकिन कर्मचारियों की तंगी से जूझ रही राजस्थान खेल परिषद का भार ही थके कंधों पर है। परिषद में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां रिटायर कर्मचारियों को सौंपी हुई हैं। प्रदेश के 33 जिलों में अपने दफ्तर चला रही राजस्थान खेल परिषद में खेल अधिकारी, कोच और मंत्रालयिक कर्मचारियों समेत सभी संवर्ग के मात्र तीन सौ के करीब पद स्वीकृत हैं। इनमें भी आधे से ज्यादा पद वर्तमान में रिक्त पड़े हैं। ऐसे में परिषद ने उन कर्मचारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंप रखी हैं, जो अपना सेवाकाल पूरा कर रिटायर हो चुके हैं। परिषद के सवाई मानसिंह स्टेडियम स्थित मुख्यालय में ही रिटायर खेल अधिकारी सुब्रत सैन, सहायक प्रशासनिक अधिकारी निरंजन पारीक, गणेश नारायण कुमावत और सूरज नारायण मीणा तथा सुरेश पारीक, रिछपाल सैनी और शंभुदयाल प्रजापति महत्वपूर्ण पदों का जिम्मा संभाले हैं। वहीं रिटायर खेल अधिकारी उदयभान चौगान स्टेडियम का जिम्मा संभाले हैं।
पांच और अधिकारियों को मिली पुन: नियुक्ति
परिषद ने हाल ही पांच और अधिकारियों को रिटायर होने के बाद पुन:नियुक्ति दी है। इनमें खेल अधिकारी जयपुर सेंटर के पद से रिटायर हुए महिपाल ग्रेवाल, खेल अधिकारी उदयपुर के पद से रिटायर ललित सिंह झाला, अजमेर में खेल अधिकारी रहे अभिमन्यु चौधरी, कनिष्ठ सहायक सुरेश पारीक और कबड्डी कोच सुरजीत सिंह को दोबारा नियुक्ति दी गई है।
अधिकांश जिलों में नहीं हैं खेल अधिकारी
33 जिलों में से ज्यादातर जिलों में खेल अधिकारी ही नहीं हैं और उनकी जगह कहीं कोच तो कहीं बाबू खेल अधिकारी के पद की जिम्मेदारी संभाल रहा है। परिषद में खेल अधिकारी के 35 पद स्वीकृत हैं लेकिन इनमें 25 पद अभी रिक्त पड़े हैं।
डीपीसी नहीं होना भी कारण
परिषद में कई पद तो विभागीय पदोन्नति (डीपीसी) नहीं होने के कारण रिक्त हैं। इनमें खेल अधिकारी के 6, प्रशिक्षक ग्रेड-1 के 5, प्रशिक्षक ग्रेड-2 के 5, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के 2, सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 2, वरिष्ठ सहायक के 2 और जमादार का 1 पद डीपीसी के जरिए भरे जाने हैं।
सात साल से नहीं है लाइब्रेरियन और हॉस्टल सुपरवाइजर
परिषद में लाइब्रेरियन का पद दामोदर शर्मा के रिटायर होने के बाद पिछले सात साल से रिक्त पड़ा है। ऐसे में लाइब्रेरी की हालत खस्ता बनी है। लाइब्रेरी में सालों से न कोई किताब खरीदी गई है और न ही किसी खिलाड़ी या प्रशिक्षक ने कोई किताब लाइब्रेरी से पढ़ने के लिए इश्यू कराई है। इसके अलावा परिषद द्वारा होस्टलों का संचालन तो किया जा रहा है लेकिन होस्टल सुपरवाइजर का पद भी रिक्त पड़ा है। यही नहीं स्टेडियम सुपरवाइजर का पद घीसाराम शर्मा के रिटायर होने के बाद के रिक्त है। फिलहाल गिरधारी सिंह को कार्यवाहक रूप से यह जिम्मा सौंपा है।
परिषद के पदों की स्थिति | |||
पद नाम | स्वीकृत | कार्यरत | खाली |
खेल अधिकारी | 35 | 10 | 25 |
कोच ग्रेड-1 | 25 | 7 | 18 |
कोच ग्रेड-2 | 37 | 19 | 18 |
कोच ग्रेड-3 | 86 | 58 | 28 |
अति. प्र. अधि. | 2 | 0 | 2 |
सहा. प्र. अधि. | 8 | 7 | 1 |
कनिष्ठ सहायक | 24 | 15 | 9 |
सुरक्षा गार्ड | 2 | 2 | 0 |
गेम्स बॉय | 27 | 20 | 7 |
चतुर्थ श्रेणी | 10 | 7 | 3 |
चौकीदार | 23 | 17 | 6 |
जमादार | 1 | 0 | 4 |
स्टेडियम सुपरवाइजर | 1 | 0 | 1 |
होस्टल मैनेजर | 1 | 0 | 1 |
लाइब्रेरियन | 1 | 0 | 1 |
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