निजी स्कूलों के लिए करेगी नियामक प्राधिकरण का गठन
सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है
प्रदेश के निजी स्कूलों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सरकार नई शिक्षा नीति के तहत विद्यालय नियामक प्राधिकरण का गठन करेगी, जिससे स्कूल शिक्षा और कोचिंग संस्थानों में फीस निर्धारण एवं अन्य समस्याओं पर नजर रखी जा सके।
जयपुर। प्रदेश के निजी स्कूलों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सरकार नई शिक्षा नीति के तहत विद्यालय नियामक प्राधिकरण का गठन करेगी, जिससे स्कूल शिक्षा और कोचिंग संस्थानों में फीस निर्धारण एवं अन्य समस्याओं पर नजर रखी जा सके। यह नियामक सरकार, शिक्षण संस्थानों और अभिभावक सहित अन्य सभी के हितों के संबंध में निर्णय करेगा। नई शिक्षा पॉलिसी की पालना में अन्य राज्यों की भांति राजस्थान में भी विद्यालय नियामक प्राधिकरण का गठन होने के बाद निजी स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच टकराव रुकेगा।
फीस एक्ट-2016 लागू करे सरकार
अभिभावक संघ के अभिषेक जैन ने कहा कि सरकार को निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी वाला फीस एक्ट-2016 तत्काल लागू करना चाहिए। कोरोना के चलते अगले पांच साल तक फीस को नहीं बढ़ाने जैसे सुझाव भी सरकार को दिए गए हैं। उधर शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री स्तर पर विद्यालय नियामक प्राधिकरण के गठन को लेकर एक्सरसाइज जारी है।
फैक्ट फाइल
- राज्य में 9वीं से 12वीं तक के निजी स्कूल 16180 और कुल स्टूडेंट्स 25 लाख
- प्राइवेट व सरकारी स्कूलों के कुल छात्रों की संख्या करीब 1.65 करोड़ हैं।
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